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फिल्म पानीपत में महाराजा सूरजमल के इतिहास को लेकर उबाल, आंदोलन की चेतावनीAligarh news

महाराजा सूरजमल की जीवनी से जुड़ी फिल्म पानीपत को लेकर जाट समाज में भारी उबाल है। जाट महासभा अलीगढ़ राष्ट्रीय जाट एकता संगठन व जाट सेवादल ने सोमवार को कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 10:46 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 08:57 AM (IST)
फिल्म पानीपत में महाराजा सूरजमल के इतिहास को लेकर उबाल, आंदोलन की चेतावनीAligarh news
फिल्म पानीपत में महाराजा सूरजमल के इतिहास को लेकर उबाल, आंदोलन की चेतावनीAligarh news

अलीगढ़ [जेएनएन]। राजस्थान भरतपुर के महाराजा सूरजमल की जीवनी से जुड़ी फिल्म पानीपत को लेकर जाट समाज में भारी उबाल है। जाट महासभा अलीगढ़, राष्ट्रीय जाट एकता संगठन व जाट सेवादल ने सोमवार को कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया, नारेबाजी की। डीएम के नाम एसीएम को ज्ञापन सौंपा, जिसमें दावा किया गया है कि फिल्म निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने महाराजा के वास्तविक इतिहास से छेड़छाड़ की है। उनके दर्शाए गए किरदार पर आपत्ति दर्ज की है। फिल्म पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।

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गलत कल्पना का समावेश किया

महासभा के जिलाध्यक्ष विजेंद्र सिंह तेवतिया के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ। तेवतिया ने कहा कि फिल्म निर्माता ने दिवंगत महाराजा के मूल गौरवशाली इतिहास को छोड़ गलत कल्पना को समावेश किया है। इस मौके पर महासचिव चौ. दिगंबर सिंह, अरविंद चौधरी, अनिल चौधरी, दीपक चौधरी, आदेश, पप्पू, भानु सिंह आदि मौजूद थे।

फिल्म में नहीं दिखाई असली जीवनी

जाट सेवादल के संयोजक डॉ. ओमवीर सिंह ने कहा कि फिल्म में महाराजा के असल जीवनी की जगह कल्पना से दर्शाया गया है। इससे समाज को ठोस पहुंची है। अध्यक्ष मास्टर विजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार फिल्म पर रोक लगाए।

एसीएम को सौंपा ज्ञापन

राष्ट्रीय जाट एकता संगठन ने एसीएम रंजीत सिंह को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। इससे पहले आशुतोष के खिलाफ नारेबाजी की। राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील चौधरी ने कहा कि महाराजा सूरजमल जाट जैसे महान पुरुष का चित्रण फिल्म में बेहद गलत तरीके से किया गया है। यह एक ङ्क्षहदू हृदय सम्राट राजा थे। यह किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रतिबंध लगाने की मांग

रामवती चौधरी ने कहा कि हरियाणा, राजस्थान व उत्तर भारत के जाट समुदाय में भारी विरोध है, चेतावनी दी है कि फिल्म पर अतिशीघ्र प्रतिबंध नहीं लगा तो कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। हम उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। राजीव चौधरी, अभिजीत चौधरी, बबिता, रेखा, ओमवीर चौधरी, वीरेंद्र सिंह अत्री, जयवीर चौधरी, गुलवीर चौधरी, प्रदीप चौधरी, संदीप चौधरी आदि मौजूद थे।

फिल्म में महाराजा को लालची दिखाया

रंजीत चौधरी ने बताया कि फिल्म में महाराजा को लालची व गलत रूप से दिखाया गया है, जबकि वास्तविकता यह है कि पेशवा और मराठा जब पानीपत युद्ध हार कर व घायल होकर लौट रहे थे तो महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने छह माह तक मराठा सेना और पेशवाओं को अपने यहां पनाह दी। यहां तक कि खांडेराव होलकर की मृत्यु भी भरतपुर की तत्कालीन राजधानी कुम्हेर में ही हुई। आज भी वहां के गागरसोली गांव में उनकी छतरी बनी हुई है।


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