मित्रता हो तो कृष्ण-सुदामा जैसी
अतरौली : नहल गांव के जय गिरिराजधरण महाविद्यालय में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान सातवें दिन बुधवार को कथा व्यास मोहनदास भक्तमाली ने भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता पर व्याख्यान दिए। उन्होंने कहा कि मित्रता हो तो कृष्ण-सुदामा जैसी। कथा व्यास ने कहा कि सुदामा की हालत काफी दयनीय हो गई तो वे अपनी पत्नी के काफी कहने पर अपने परममित्र भगवान श्रीकृष्ण से मिलने द्वारिकापुरी गये। वहां जब सुदामा ने द्वारपालों से कहा कि कृष्ण उनके मित्र हैं और वे उनसे मिलना चाहते हैं तो फटे हाल में सुदामा को देख द्वारपालों को उनकी बात पर यकीन नहीं हुआ। बाद में काफी अनुनय-विनय पर द्वारपालों ने सूचना श्रीकृष्ण को दी। सुदामा के आने की खबल मिलते ही श्रीकृष्ण उन्हें लाने के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने सुदामा को महल में ले जाकर सिंहासन पर बिठाया और उनके पैर धोए। यह देखकर रुकमणी चौक पड़ी। यह प्रसंग सुनकर कथा सुन रहे लोगों की आंखें भी नम हो गईं। कथा के दौरान भजन-संगीत का भी दौर चला और महिलाओं ने नृत्य किया। भाजपा नेता राजेश भारद्वाज ने पहुंचकर कथा व्यास की आरती की और माल्यार्पण किया। इस अवसर पर जितेन्द्र सिंह, जगवीर सिंह प्रधान, बंगाली बाबू, हेवेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र चौधरी, मुन्नी देवी, संगीता चौधरी, योगेन्द्र सिंह मुखिया, ममता, सरिता, पिंकी, कमला, गुड्डी देवी, लता, आभा, राजकुमारी, सुधा, शशी देवी, रवेन्द्र सिंह, लखन शर्मा, पृथ्वीराज शर्मा आदि मौजूद रहे।
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