सुदामा-कृष्ण की मित्रता का किया बखान
पिसावा : कस्बा के जट्टारी रोड पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन भक्तों को श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता की कथा सुनाई गई। कथा सुन भक्तों की आंखों से आंसू निकल पड़े।
कथा व्यास श्री मूर्ति नन्दन महाराज ने कहा कि एक दिन सुदामा की पत्नी ने पति से कहा श्रीकृष्ण तुम्हारे मित्र हैं। उनके पास मदद को क्यों नहीं जाते हो। इस पर सुदामा ने कहा, कृष्ण मेरा बाल सखा था। बचपन में हम दोनों साथ-साथ पढ़े। आज तो वह द्वारिका का राजा है। हम गरीब को वह कहां पहचानेंगे। पत्नी के आग्रह पर सुदामा कृष्ण के पास पहुंचे। अपने पुराने सखा को देख श्रीकृष्ण भावविह्वल हो गए और उनकी हर संभव मदद की। कथा के बाद प्रसाद वितरण किया गया। निरंजन लाल गुप्ता महामंत्री राजा बाबू शर्मा, चेत राम शर्मा, मदन लाल गुपत, मनवीर सिंह राठी, राजकुमार किरौतिया, शंकर लाला गुप्ता, किशन शर्मा, जयप्रकाश अग्रवाल, नितिन गुप्ता, श्याम गुप्ता, लाला राठी प्रधान पति, मनीष वर्मा, सुजय वमर्र, देवेश गुप्ता, महिला मंडल बृजवाला गुप्ता, इंद्रा गुप्ता, वीना देवी, कृष्णा देवी, अनीता शर्मा, शशी अग्रवाल, मीरा गुप्ता, अल्का गुप्ता, रेनू, पूजा श्मा, बबिता, सरोज, रागनी, सपना, आदि थे।
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