बादल से नहीं, आंखों से टपक रहा पानी
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अब धान लगाकर किसान पछता रहे हैं। आलू का घाटा झेल रहे किसान अब धान के लिए प
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अब धान लगाकर किसान पछता रहे हैं। आलू का घाटा झेल रहे किसान अब धान के लिए पानी भी नहीं जुटा पा रहे है। नलकूप और डीजल पंप सेट से कई बार पानी लग चुके खेत अब फिर पानी मांग रहे हैं। यहां बादल तो आ रहे हैं लेकिन दगा देकर चले जा रहे हैं जबकि इस समय बारिश के पानी की सख्त जरूरत है।
जनपद में खरीफ की फसल की बात करें तो इस बार धान की 79 हजार 394 हेक्टेयर में रोपाई का लक्ष्य रखा गया है। पिछली साल 79 हजार 388 की रोपाई हुई थी। हालांकि इस बार ज्यादा रकबा नहीं बढ़ा है। इसके अलावा बाजरा, अरहर, उर्द, मूंग, मक्का और तिल की फसलें बोई जाती हैं। इसमें धान की फसल को सबसे अधिक पानी की जरूरत पड़ती है। नर्सरी लगाने के बाद किसान बारिश से खेत लबालब होने का इंतजार करते हैं। 15-20 दिन की फसल हो गई, पानी कम होने के कारण खेत चटकने लगे हैं।
यूं हुआ पैदावार:
फसल, 14-15,15-16,16-17,17-18
धान, 90420, 87723,79388,79394
किसान बोले
अच्छी बरसात की उम्मीद में पांच बीघा में धान की फसल की रोपाई की है। 10 दिनों में 120 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से पड़ोसी के ट्यूबवेल से पानी खरीदकर चार बार भराई कर चुके हैं। गर्मी के कारण तीन दिन में पानी सूख रहा है।
करतार सिंह, जटपुरा
40 बीघा धान की फसल बोई है। 10 दिन में चार पानी ट्यूबवेल से लगा चुके हैं। बारिश नहीं हुई तो लागत निकालना मुश्किल हो जाएगा।
सुशील कुमार, सिकंदरपुर माछुआ
बारिश की अच्छी भविष्यवाणी सुनकर 65 बीघा खेत में धान की रोपाई की थी। अब पानी लगाते-लगाते परेशान हैं। पानी महंगा पड़ रहा है।
राजकुमार सिंह, अलहदादपुर
फसल में लगातार नुकसान हो रहा है। घाटे की भरपाई के लिए 55 बीघा में धान लगाया था। अब पानी की कमी के कारण खेत चटकने लगे हैं।
लटूरी सिंह, अलहदादपुर