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योगीजी, मेरी पेंशन क्यों रोक दी : नीरज

संतोष शर्मा, अलीगढ़ ¨हदी सिनेमा को सौ से ज्यादा लोकप्रिय गीत देने वाले पद्मभूषण गोपाल दास नीरज ने

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jun 2017 02:20 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jun 2017 02:20 AM (IST)
योगीजी, मेरी पेंशन क्यों रोक दी : नीरज
योगीजी, मेरी पेंशन क्यों रोक दी : नीरज

संतोष शर्मा, अलीगढ़

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¨हदी सिनेमा को सौ से ज्यादा लोकप्रिय गीत देने वाले पद्मभूषण गोपाल दास नीरज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूछा है कि आखिर उन जैसे लोगों की पेंशन क्यों रोक रखी है? पहला यशभारती पुरस्कार पाने वाले नीरज ने सीएम को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि वह बीमार होने के कारण रोज-रोज लखनऊ नहीं आ सकते। अपील भी की है कि अगर सरकार को कोई जांच करानी ही है तो कराए, लेकिन जल्दी।

सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर नीरज ने जनकपुरी स्थित निवास पर 'दैनिक जागरण' से खास बातचीत में कहा कि अखिलेश सरकार ने पेंशन के रूप में छह लाख दिए थे। सत्ता परिवर्तन के बाद हालात बदल गए। योगी सरकार ने आते ही पेंशन पर रोक लगा दी। बकौल नीरज, ठीक है कि योगीजी इसकी जांच करा रहे हैं, लेकिन हम जैसे लोगों को तो पेंशन दें। मैं बार-बार लखनऊ आ भी नहीं सकता।' वे बताते हैं कि पेंशन जारी करने को लेकर वह मुख्यमंत्री को दो पत्र लिख चुके हैं। जवाब किसी का नहीं आया। पहला पत्र पिछले महीने लखनऊ में ही दिया था। इसमें योगीजी से पेंशन रोकने का कारण भी पूछा था। दूसरा पत्र पिछले दिनों भेजा है।

'सरकार ने काम नहीं, वादे किए'

नई सरकार से खफा नीरज ने कहा कि योगी सरकार ने तीन महीने में सिर्फ वादे ही वादे किए हैं। कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया। न तो सड़कों के गड्ढे ही भरे गए। उर्दू, पंजाबी व ¨हदी एकेडमी के लिए भी कुछ नहीं किया गया। उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान और उप्र फिल्म विकास परिषद का भी यही हाल है। नीरज को अखिलेश सरकार ने भाषा संस्थान और फिल्म विकास परिषद का चेयरमैन बना रखा था।

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इनसर्ट

मुलायम-राज में मिला था यश भारती

मुलायम सिंह यादव की सरकार ने नीरज को प्रथम यशभारती पुरस्कार 1994 में दिया था। मुलायम सरकार ने कला, संस्कृति, साहित्य, खेलकूद आदि के क्षेत्र में नाम कमाने वाली सूबे की हस्तियों के लिए यह पुरस्कार शुरू किया था। इसके तहत अब 11 लाख रुपये व ताउम्र 50 हजार रुपये पेंशन मिलती है। मायाराज में यह पुरस्कार बंद कर दिया गया था। 2012 में अखिलेश सरकार ने फिर शुरू कर दिया। बीते साल पुरस्कार पाने वालों की योग्यता पर गंभीर सवाल उठने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश देते हुए पेंशन पर रोक लगा दी थी।

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