12 कब्रिस्तानों की जमीन पर कब्जा
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : विकास कार्य न होने पर लोग सरकार व अफसरों को कठघरे में खड़ा करते हैं, मगर नि
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : विकास कार्य न होने पर लोग सरकार व अफसरों को कठघरे में खड़ा करते हैं, मगर निजी स्वार्थ के चलते ही खुद ही रोड़ा बन जाते हैं। ऐसी ही रुकावट कब्रिस्तानों के सुंदरीकरण में है। अवैध कब्जे के चलते बजट आने के आठ माह बाद भी 12 कब्रिस्तानों की चारदीवारी नहीं हो पा रही है।
पूर्व सरकार की योजना : सपा की अखिलेश सरकार ने कब्रिस्तानों के सुंदरीकरण के लिए योजना शुरू की थी। वित्त वर्ष 2016-17 में जिले के 65 कब्रिस्तानों को चिह्नित कर छह करोड़ रुपये का बजट स्वीकृति किया। अक्टूबर-नवंबर में 3.02 करोड़ रुपये को पहली किस्त भी जारी कर दी।
नहीं होने दी पैमाइश : शासन से सुंदरीकरण की जिम्मेदारी जल निगम की सीएंडडीएस इकाई को दी। पैसा मिलते ही काम शुरू हो गया। 12 कब्रिस्तानों पर पैमाइश की गई तो विरोध शुरू हो गया। कब्जाए जमाए लोगों ने पैमाइश नहीं होने दी।
अब भी ध्यान नहीं : निर्माण शुरू होने के कुछ दिन बाद ही विधानसभा चुनाव आ गए। अफसर भी सुस्त पड़ गए। अब नई सरकार आ गई, फिर भी कब्रिस्तानों पर ध्यान नहीं जा रहा है। बजट भी पड़ा हुआ है।
घालमेल की आशंका : 65 में 13 कब्रिस्तानों का सुंदरीकरण हो चुका है। बाकी पर काम चल रहा है। जिन पर कार्य पूरा हो चुका है, उनमें घालमेल है। जिला ग्राम्य विकास विभाग के अफसरों के निरीक्षण में इसकी पोल भी खुली थी। प्रभारी मंत्री सुरेश राणा की समीक्षा बैठक में भी यह मुददा उठा था। इस पर परियोजना प्रबंधक ने सुधार के निर्देश दिए थे।
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पुलिस ले जाकर विवादित कब्रिस्तानों पर काम शुरू कराया जाएगा। खामियों में सुधार के निर्देश दे दिए गए हैं।
जीके शर्मा, परियोजना प्रबंधक, सीएंडडीएस इकाई जल निगम