40 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस रद, अब मुख्यमंत्री से उम्मीद
जागरण संवाददाता, अलीगढ़: फार्मासिस्ट की कमी से औषधि विभाग 40 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त कर चुक
जागरण संवाददाता, अलीगढ़: फार्मासिस्ट की कमी से औषधि विभाग 40 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त कर चुका है। अब दवा विक्रेताओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उम्मीद जगी है। पिछले दिनों लखनऊ पहुंचे गोरखपुर के दवा विक्रेता संघ को मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि फार्मासिस्ट की कमी से लाइसेंस निरस्त नहीं किए जाएंगे। हालांकि, औषधि विभाग ने साफ कर दिया है कि कानून बदलने या शासनादेश जारी होने तक इसी नियम के तहत कार्रवाई होगी।
2275 दवा विक्रेता : जिले में करीब 2000 फुटकर व 275 थोक दवा विक्रेता हैं। पिछले साल जांच में सामने आया था कि एक ही फार्मासिस्ट के दस्तावेजों पर कई-कई दवा विक्रेताओं ने लाइसेंस ले रखे हैं। पिछली साल सरकार ने 'एक फार्मासिस्ट-एक दुकान' का नियम लागू कर दवा विक्रेताओं के पैरों तले जमीन खिसका दी, क्योंकि इतने फार्मासिस्ट कहां से आएंगे? जिले में तमाम दुकानों पर तलवार लटक गई है। फार्मासिस्ट की कमी के चलते औषधि निरीक्षक ने 40 से अधिक लाइसेंस निरस्त कर दिए।
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योगी का रुख सकारात्मक
अलीगढ़ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह टिल्लू ने बताया कि फार्मासिस्ट की अनिवार्यता से दवा विक्रेताओं की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है, मगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दवा विक्रेताओं की मांग पर सकारात्मक रुख अपनाया है। भरोसा दिया है कि फार्मासिस्ट की कमी से दुकान का लाइसेंस निरस्त नहीं होगा। नवीनीकरण की प्रक्रिया जारी रहेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिव मृत्युंजय नारायण सिंह ने फूड एंड सेफ्टी कमिश्नर हेमंत राव से बात की और मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार हल निकालने को कहा। मुख्यमंत्री की पहल का हम स्वागत करते हैं।
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केवल मीडिया से ये खबरें आई हैं। जब तक कानून में बदलाव नहीं होता या फिर शासन से कोई आदेश नहीं आते, हम फार्मासिस्ट के बिना नवीनीकरण नहीं करेंगे।
- रामपुकार पांडेय, सहायक उपायुक्त औषधि।
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