शहर के पेट्रोल पंप भी लोगों से कर रहे ठगी
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : पेट्रोल पंपों पर चिप से तेल चोरी के मामले सामने आने से पूरे प्रदेश में
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ :
पेट्रोल पंपों पर चिप से तेल चोरी के मामले सामने आने से पूरे प्रदेश में खलबली मच गई है। शहर में भी दर्जनों पेट्रोल पंपों पर रिमोट और चिप से तेल चोरी कर लोगों को चूना लगाया जा रहा है। जनता को 10 फीसद तक डीजल-पेट्रोल कम दिया जा रहा है। हालांकि अब प्रशासन और एसटीएफ ने भी ऐसी पेट्रोल पंपों को रडार पर लेना शुरू कर दिया है।
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रिमोट से ऑपरेट होती है चिप :
पेट्रोल पंपों में इलेक्ट्रॉनिक चिप मशीनों के पार्ट के बीच में लगी होती है। एक मशीन में दो तरह की चिप प्रयोग की जा सकती है। अधिकांश पेट्रोल संचालक 10 पिन और 16 पिन की चिप का प्रयोग करते हैं। एक चिप की कीमत 50 से 100 रुपये की होती है। पंप मालिक किसी इंजीनियर से सेट पर प्रोग्रामिंग का सॉफ्टवेयर डलवाते हैं। इसके एवज में वह इंजीनियर को पांच से 10 हजार रुपये देते हैं। सॉफ्टवेयर में यह लिखना होता है कि कितना पेट्रोल चोरी करना है। अगर 10 फीसद पेट्रोल चोरी का कोड फीड कर रखा है तो फिर एक लीटर पर 100 ग्राम पेट्रोल कम दी जाएगी। एक मशीन को रिमोट से नियंत्रित किया जाता है। इसकी रेंज 200 मीटर तक होती है। अधिकांश पेट्रोल संचालक पांच और 10 फीसद तक पेट्रोल चोरी में फीड करके रखते हैं।
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ऐसे होता है खेल : पेट्रोल चोरी का यह खेल पूरी तरह से डिजिटल है। आम आदमी के लिए इसे पकड़ना काफी मुश्किल होता है। सभी पेट्रोल पंपों पर दो सेल्समैन होते हैं। एक पेट्रोल डालने वाला और एक पेट्रोल के पैसे लेने वाला। जो सेल्समैन पैसे लेता, उसी के पास रिमोट होता है। इसी कारण दोनों सेल्समैन अलग-अलग खड़े होते हैं। एक सेल्समैन मशीन की तरफ खड़ा होता है, दूसरा ग्राहक के दूसरी तरफ। ऐसे में जब ग्राहक पेट्रोल डलवाने आता है तो उसकी नजर पेट्रोल डालने वाले सेल्समैन पर रहती है। इतनी ही देर में दूसरी तरफ वाला सेल्समैन रिमोट से घटतौली का बटन दबा देता है।
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महीनों तक नहीं होती है जांच :
पेट्रोल पंपों पर घटतौली और नियमों का पालन करने की जिम्मेदारी बाट-माप विभाग और आपूर्ति विभाग की होती है लेकिन जिम्मेदार अफसर इससे पूरी तरह से आंखें मूंदे रहते हैं। सूत्रों की माने तों अफसरों को पूरी जानकारी होती है, किस पेट्रोल पंप पर चोरी हो रही है। इसके लिए उन्हें हर महीने रकम थमा दी जाती है।
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अतरौली की नरोना पंप के डीजल बिक्री के लाइसेंस का निलंबन
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ :
दैनिक जागरण द्वारा नरोना पेट्रोल पंप अफसरों की चुप्पी साधने की खबर प्रमुखता से छापने के बाद शनिवार प्रशासन हरकत में आ गया। डीएम ने पंप के डीजल बिक्री के लाइसेंस का निलंबन कर दिया, जबकि पेट्रोल बिक्री की एनओसी पर भी रोक लगा दी है।
19 अप्रैल को अतरौली के नरोना में राजवीर सिंह पेट्रोल पंप पर रिमोट से पेट्रोल चोरी होती मिली थी। पुलिस ने मालिक समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। रिमोट और चिप से तेल चोरी का यह पहला मामला था, इस वजह से तुरंत चर्चा में आ गया, लेकिन यहां के अफसर चुप्पी साधे बैठे रहे। महज सीलिंग के बाद कार्रवाई करना भूल गए लेकिन यहां के मामलों की आहट से लखनऊ में प्रशासन और एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की। सात पेट्रोल पंपों से चिप बरामद है।
खबर छपी तो हुआ निलंबन : शनिवार के अंक में दैनिक जागरण ने यहां के अफसरों की चुप्पी को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जब इसकी जानकारी डीएम को हुई तो उन्होंने तत्काल डीएसओ को बुलाकर पेट्रोल पंप के डीजल बिक्री का लाइसेंस निलंबित करने के आदेश दे दिए। इसके अलावा पेट्रोल बिक्री की भी एनओसी रोकने को कहा।
पेट्रोल बिक्री का नहीं मिलता लाइसेंस : प्रशासन की ओर से पेट्रोल बिक्री का कोई लाइसेंस नहीं होता है। मालिक को एक कपंनी से डीलरशिप लेनी होती है। इसके बाद प्रशासन उसके संचालन को एनओसी जारी करता है। डीजल की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी किया जाता है।
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कम पेट्रोल मिलने पर दो मशीन सीज, नोटिस
संवाद सूत्र, गभाना : गभाना तहसील में शनिवार को पेट्रोल पंपों पर छापामार कार्रवाई की गई। तहसीलदार कौशल कुमार, माप विपणन वरिष्ठ निरीक्षक आरएस अकेला इडियन ऑयल कंपनी के विनायक गुप्ता व पूर्ति निरीक्षक पीयूष कुमार की टीम ने सबसे पहले हाइवे पर तहसील के सामने शाहू पेट्रोल पंप पर छापेमारी की। मशीन को खुलवाकर चेक किया गया। नोजिल खुलवाए गए। छह नोजिलों में से दो में मानक के हिसाब से पेट्रोल नहीं मिला। इस पर दोनों मशीनों को सीज कर दिया गया। पेट्रोल पंप संचालक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। इसके बाद सोमना स्थित किसान सेवा केंद्र पेट्रोल पंप पर भी छापेमारी की। यहां सही सामान मिला।