कोर्ट के 'खेल' में खिलाड़ियों की हार
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : शहर के बैडमिंटन खिलाड़ियों के सामने अब वुडेन कोर्ट व सिंथेटिक कोर्ट का जिन्
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : शहर के बैडमिंटन खिलाड़ियों के सामने अब वुडेन कोर्ट व सिंथेटिक कोर्ट का जिन्न खड़ा हो गया है। शहर के स्पोर्ट्स स्टेडियम में बने बैडमिंटन कोर्ट में सिंथेटिक फर्श है। राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में शहर के बाहर जाने में खिलाड़ियों को कई जगह वुडेन कोर्ट मिल जाता है। इससे खिलाड़ी कोर्ट में तालमेल नहीं बैठा पाते। परिणाम के रूप में नाकामी झेलनी पड़ती है। झांसी व फैजाबाद राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में गई अलीगढ़ की टीम के साथ भी यही समस्या सामने आई। नतीजा ये हुआ कि दोनों ही जगह बालक-बालिका टीमों को क्वार्टर फाइनल से ही बाहर होना पड़ा। झांसी में जूनियर वर्ग की 13 से 15 जनवरी तक और फैजाबाद में 18 से 20 जनवरी तक सब जूनियर वर्ग की राज्यस्तरीय प्रतियोगिताएं हुई थीं। स्पोर्ट्स स्टेडियम में बैडमिंटन कोच रमेश यादव ने बताया कि फैजाबाद में बेहतरीन स्टेडियम बन रहा है मगर अभी वहां खेलने के लिए वुडेन कोर्ट मिला। इसमें खिलाड़ियों को सामंजस्य बैठाने में दिक्कत आई। शहर में ये खिलाड़ी सिंथेटिक कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। अधिकारियों का कहना है कि बतौर नियम वुडेन कोर्ट अब राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों के मान्य नहीं हैं। कहीं भी बैडमिंटन हो सिंथेटिक कोर्ट में ही कराया जाना चाहिए। अब सिंथेटिक फर्श हर जगह उपयोग होने लगा है।
इनका कहना है
नियमत: वुडेन कोर्ट पर आयोजन नहीं होना चाहिए। मगर, आगरा के खिलाड़ी इसी कोर्ट पर चैंपियन बनकर आए हैं। खिलाड़ियों व कोच को हार के पीछे ये तकरीर नहीं देनी चाहिए। खिलाड़ियों को खेल और कोच को प्रशिक्षण सुधारना चाहिए।
- अजय कुमार सेठी, क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी, अलीगढ़।