सायंकालीन कक्षा के प्रस्ताव की 'छुंट्टी'
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : आगरा विश्वविद्यालय में सभी कालेजों में सीट फुल होने पर बचे हुए छात्रों को
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : आगरा विश्वविद्यालय में सभी कालेजों में सीट फुल होने पर बचे हुए छात्रों को सायंकालीन कक्षाओं में प्रवेश की उम्मीद थी। हालांकि अब शाम की कक्षाओं में पढ़ने का मौका मिलना संभव नहीं है, क्योंकि कुलपति के पास अनुमति के लिए भेजी गई फाइल पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं हो सके हैं। अब इतनी देर हो चुकी है कि प्रस्ताव पास होने पर भी कॉलेज वाले कक्षाएं शुरू करने के मूड में नहीं है।
यह है मामला
डीएस कॉलेज और एसवी कॉलेज में बीए, बीएससी, बीकॉम की प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके बाद तीन हजार विद्यार्थी प्रवेश के लिए रह गए थे। सायंकालीन कक्षाओं के लिए डीएस कॉलेज में 80-80 सीटों और एसवी कॉलेज में भी इतनी सीटों में प्रवेश के लिए अनुमति मांगी थी।
डेढ़ महीने पहले भेजी फाइल
डीएस कॉलेज और एसवी कॉलेज की ओर से सायंकालीन कक्षाओं में प्रवेश की अनुमति के लिए आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति के पास फाइल भेजी थी। कुलपति के सेवानिवृत्त होने और नए कुलपति के इंतजार में यह फाइल लटकी रही। अब तक इन फाइलों पर कुलपति की नजर नहीं पड़ी है जबकि दोनों कॉलेजों की ओर से कई बार संबंधित प्रभारी कुलपति कार्यालय में जा चुके हैं।
कोई लाभ नहीं
यदि देरी से अनुमति मिलती है तो कोर्स पूरा करने में दिक्कत आएगी। इससे विद्यार्थियों का नुकसान होगा, क्योंकि विश्वविद्यालय तो समय पर परीक्षा कराएगा। सायंकालीन कक्षाओं में प्रवेश लेने की बजाय निजी कॉलेज और दूरस्थ शिक्षा से स्नातक करना उनकी मजबूरी है।
वर्जन
फाइल कुलपति के पास भेजी जा चुकी है। अभी तक अनुमति नहीं मिली है। और देरी होने के बाद अनुमति मिलने पर कक्षाएं चलाना संभव भी नहीं हो सकेगा।
- डॉ. अंजना बंसल, डीएस कॉलेज।
कुलपति कार्यालय के तीन बार चक्कर लगा चुके हैं। अनुमति मिलना मुश्किल लग रहा है। अब सायंकालीन कक्षाएं शुरू कराने से कोई फायदा भी नहीं है।
- डॉ. महेशचंद्र वाष्र्णेय, एसवी कॉलेज।