गंगा किनारे के गांव का सीवर शुद्ध करेगा एएमयू
संतोष शर्मा, अलीगढ़ : गंगा-यमुना को निर्मल बनाने में जुटी केंद्र सरकार ने काम काज की गति और बढ़ा दी
संतोष शर्मा, अलीगढ़ : गंगा-यमुना को निर्मल बनाने में जुटी केंद्र सरकार ने काम काज की गति और बढ़ा दी है। गंगा की सफाई के लिए इलाके भी बांट दिए हैं। अनूपशहर तहसील के पांच गांवों का गंदा पानी गंगा में न जाए इसकी जिम्मेदारी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू)को सौंपी गई है। इन गांव में एएमयू वाटर-ट्रीटमेंट प्लांट लगाने जा रहा है।
एएमयू में यूरोपीय संघ की मदद से सेफगार्डिग वाटर रिसोर्सेज इन इंडिया विद ग्रीन एंड सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी (स्विंग्स) नाम से संयंत्र बना है। सिविल इंजीनिय¨रग डिपार्टमेंट के प्रो. नदीम खलील की निगरानी में संचालित इस संयंत्र की खास बात यह है, यहां बिना ऊर्जा खपत के कुछ विशेष पौधों की मदद से सीवर का पानी शुद्ध हो रहा है। ये तकनीक भारत सरकार को भा गई है। एएमयू को इसी तकनीक के चलते नमामि गंगे मिशन में शामिल किया गया है।
इन गांवों का सीवर होगा शुद्ध
भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ वाटर रिसोर्सेज द्वारा संचालित नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा को साफ करने का जिम्मा प्रो. नदीम खलील को मिला है। गंगा किनारे बसे अनूपशहर तहसील (बुलंदशहर)के गांव नरौरा, रामघाट, कर्णवास, नयावास व शेखूपुर गांव का अशुद्ध पानी भी गंगा को मैली कर रहा है। यहां के सीवर युक्त पानी को शुद्ध करने के लिए हर गांव में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। एक प्लांट पर करीब तीन करोड़ खर्च आएगा, बजट भी सरकार ने जारी कर दिया है।
इनका कहना है
पांच गांव में वाटर ट्रीटमेंट लगाने का काम जल्द शुरू किया जाएगा। स्विंग्स प्रोजेक्ट यूनिवर्सिटी में बेहतर कार्य कर रहा है, शुद्ध हुए पानी का इस्तेमाल खेती आदि में किया जा सकता है।
- प्रो. नदीम खलील, सिविल इंजीनिय¨रग डिपार्टमेंट, एएमयू।