राजू भइया का अचानक जाना बन गया चर्चा
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : राज्यपाल राम नाईक के कार्यक्रम में एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भइया का अचा
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : राज्यपाल राम नाईक के कार्यक्रम में एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भइया का अचानक उठकर चला जाना चर्चा का विषय बन गया। लोगों में चर्चा थी कि मंच पर उन्हें स्थान न मिलने से वह नाराज होकर चले गए। राजू भइया के जाते ही पूरे पंडाल में कानाफूसी शुरू हो गई। चर्चा थी कि राजू भइया के गढ़ में उन्हें मंच पर स्थान नहीं मिला। लोगों का संदेह और गहराने लगा, जब राज्यपाल राम नाईक ने अपने उद्बोधन में कहा कि इतने बड़े कार्यक्रम में कभी-कभी कुछ कमी रह जाती है, उसे कमी नहीं माननी चाहिए। उन्होंने उदाहरण दिया कि कई बार हड़बड़ाहट में बुके अतिथि को देने की बजाय जो सामने आता है, उसे लोग दे देते हैं। इससे यह नहीं समझ बैठना चाहिए कि यह जानबूझकर किया जा रहा है। बड़े कार्यक्रमों में ऐसा हो जाता है। हालांकि, एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भइया ने इन सारे आरोपों को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि बुलंदशहर में उनकी सभा थी, इसलिए वह वहां निकल गए। राज्यपाल से उन्होंने बता दिया था। साथ ही प्रांत प्रचारक डॉ. हरीश से भी उन्होंने अनुमति ले ली थी। राजू भइया ने कहा कि उन्हें पूरी तरह पता है कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व विद्या भारती का कार्यक्रम है, ऐसे कार्यक्रमों में सबकुछ पहले से तय रहता है, इससे वह पहले से ही वाकिफ थे। नेता भाजपा विधानमंडल दल सुरेश कुमार खन्ना के बारे में लोग चर्चा कर रहे हैं, वो कैसे मंच पर थे। दरअसल, वो विद्या भारती के पदाधिकारी भी हैं, इसलिए वह बतौर विशिष्ट अतिथि मंच पर थे। राजू भइया ने कहा कि वह कार्यक्रम से कतई नाराज होकर नहीं गए। हालांकि उनके जाते ही पूर्व जिलाध्यक्ष चौधरी देवराज सिंह, शशी सिंह, ठा. रवेंद्र पाल सिंह, जेपी राजपूत भी उनकी गाड़ी के पीछे हो लिए।
चुनावी सरगर्मी का दिखा असर
विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही भाजपाइयों में भी सरगर्मी तेज हो गई। राज्यपाल के कार्यक्रम में काफी नेता चेहरा चमकाने के लिए पहुंचे थे। हालांकि, राज्यपाल राम नाईक किसी से नहीं मिले, मगर उन तक पहुंचने के लिए भाजपाई बेताव दिखे। सुरक्षाकर्मी राज्यपाल को घेरे में लिए हुए थे। उधर, बड़ा कार्यक्रम होने के चलते आरएसएस के तमाम पदाधिकारी मौजूद थे, इसलिए भी भाजपाई अपनी मौजूदगी का अहसास कराना चाह रहे थे, जिससे आगामी चुनाव में टिकट के लिए उन्हें परिचय देने की जरूरत न पड़े।