शहर के हैंडपंप मांग गए पानी
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : भीषण गर्मी में शहर के हैंडपंप भी पानी मांग गए हैं। गर्मी में पानी छोड़ने लग
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : भीषण गर्मी में शहर के हैंडपंप भी पानी मांग गए हैं। गर्मी में पानी छोड़ने लगे हैं। करीब 500 हैंडपंप तो जवाब दे गए हैं, जिनके रीबो¨रग कराने की जरूरत है। करीब 450 हैंडपंप खराब पड़े हैं, जिन्हें ठीक कर दिया जाए तो लोगों को काफी सहूलियत होगी। कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा नगर निगम का जलकल विभाग इन हैंडपंपों को समय से ठीक कराने में नाकाम साबित हो रहा है। इससे लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है।
शहर में करीब 4500 हैंडपंप हैं, जिनकी देखरेख व रीबो¨रग कराने की जिम्मेदारी नगर निगम के जलकल विभाग की है। आम जनता व राहगीरों के लिए ये हैंडपंप गर्मी में अमृत से कम नहीं है। शहर के पुराने इलाकों में संकरी गली, छोटे मकान, जगह ज्यादा न होने के चलते ये सरकारी हैंडपंप ही सहारा हैं। गर्मी में सुबह-शाम की जल आपूर्ति से लोगों का काम नहीं चल पाता है। उसका भी कोई भरोसा नहीं कि सुबह पानी आए ही, इसलिए ऐसे स्थानों में लोग हैंडपंपों के भरोसे रहते हैं। इनमें से 500 हैंडपंप रीबो¨रग के इंतजार में है। 450 खराब पड़े हैं। इनमें मामूली खराबी है, जिसे ठीक कर पानी निकाला जा सकता है।
स्टाफ की कमी
नगर निगम के जलकल विभाग को हैंडपंपों को सही कराने में सबसे अधिक दिक्कत स्टाफ की कमी की झेलनी पड़ रही है। यही वजह है कि हैंडपंप खराब होने की सूचना मिलने के बाद भी समय से कर्मचारी नहीं पहुंच पाते हैं। एक हैंडपंप ठीक करने में हफ्तेभर का समय लग जाता है। हैंडपंप, पाइप लाइन व नलकूप ठीक करने के लिए जलकल विभाग के पास इस समय कुल 50 कर्मचारी हैं। जबकि, शहर की आबादी को देखते हुए 200 कर्मचारियों की जरूरत है।
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सूरत हाल
पदनाम-पद-वर्तमान- आज जरूरत
जेई- 4- 1- 6
एई- 2- 1- 1
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हैंडपंप खराब होने की सूचना मिलने पर कर्मचारियों को दूसरे दिन ही भेजने की कोशिश की जाती है। यदि सुबह सूचना मिल जाती है तो दिन में भेज दिया जाता है। हैंडपंप, नलकूप व पाइप लाइन को सही करने के लिए जितने कर्मचारी चाहिए, उतने उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए कई बार कर्मचारी देर से पहुंच पाते हैं।
- धीरज सिंह, जीएम जलकल।