एएमयू छात्रों को दिल्ली एयरपोर्ट पर रोका
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : तुर्की जा रहे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के तीन छात्रों को दिल्ली में इं
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : तुर्की जा रहे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के तीन छात्रों को दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रोक लिया गया। तीनों छात्र कश्मीर के रहने वाले हैं। रोकने का कारण उन्हें नहीं बताया गया। उन्होंने इसकी शिकायत मानव संसाधन विकास मंत्रालय व रसियन एयर लाइंस से की है। छात्रों को तुर्की जाने से रोकने के पीछे इस्लामिक स्टेट (आइएस) के बढ़ते खौफ को माना जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय इसे लेकर सख्त भी है।
कश्मीर के पुलवामा निवासी मोहम्मद इकबाल रैथर, बड़गांव के शौकत अहमद डार व सोबियान के मोहम्मद दावूद सोफी एएमयू के इस्लामिक स्टडी सेंटर में शोध छात्र हैं। तीनों छात्रों को तुर्की के कोनिया शहर से आयोजित कांफ्रेंस में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। एक अगस्त से नौ अगस्त तक 'सोशल जस्टिस इन द इस्लामिक वर्ल्ड' पर वहां की संस्था इलम कांफ्रेंस कर रही है। मोहम्मद दावूद सोफी ने बताया कि वे 31 जुलाई की रात तय समय के तीन घंटे पहले इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर पहुंच गए। उनके पास टिकट व वीजा सब-कुछ था। जब एयर लाइंस के काउंटर पर गए तो उन्हें रसियन एयर लाइन एरोफ्लॉट की फ्लाइट नंबर एसयू 233 में जाने से रोक दिया गया। कहा, 'आप तुर्की की फ्लाइट से सीधे जाओ।' अधिकारियों से इसका कारण पूछा गया तो नहीं बता सके। टिकट भी निरस्त नहीं किया। मोहम्मद दावूद सोफी ने बताया कि एक माह से तैयारी में जुटे थे। इसकी शिकायत मानव संसाधन विकास मंत्रालय व रसियन एयर लाइन से मेल पर की थी। रसियन एयर लाइंस ने शिकायत पंजीकृत भी कर ली है।
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आइएस तो नहीं बना कारण
एयर लाइंस अफसरों ने भले ही छात्रों को रोकने का कारण नहीं बताया हो, लेकिन इसके पीछे आइएस की सक्रियता को भी माना जा रहा है। दूसरी ओर तीनों छात्र जम्मू कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं। इस पर मोहम्मद दावूद सोफी का कहना था कि अगर आइएस की वजह से रोका गया तो बताया जाना चाहिए था। उनके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा पहले है।
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तीन छात्रों ने तुर्की जाने की बात कही थी। इनमें मोहम्मद इकबाल रैथर व शौकत अहमद डार को अनापत्ति प्रमाण-पत्र भी दिया गया। मोहम्मद दावूद सोफी बिना बताए एक माह पहले जम्मू चले गए थे। उनसे कारण भी पूछा गया था, मगर नहीं बता पाए थे। इस कारण उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था।
- प्रो. सैयद अहसान, चेयरमैन, डिपार्टमेंट ऑफ इस्लामिक स्टडीज, एएमयू।