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भाईजान आएंगे, तभी बजेगी शहनाई

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अम्मी जान मुझे अपने पास ¨हदुस्तान बुला लो। ये दर्द है 22 साल से पाकिस्तान

By Edited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 01:25 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 01:25 AM (IST)
भाईजान आएंगे, तभी बजेगी शहनाई

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अम्मी जान मुझे अपने पास ¨हदुस्तान बुला लो। ये दर्द है 22 साल से पाकिस्तान में फंसे अलीगढ़ के सलमान का। ईद पर जब देश खुशियां मना रहा था, तब इस घर में गम पसरा था और हर आंख में सलमान की याद में आंसू थे। बहनें अब्बा से पूछती हैं कि अपने भाईजान कब आएंगे? हमने भी तय कर लिया है कि जब तक वो नहीं आएंगे, हम शादी नहीं करेंगी। दोनों बहनें भाई से मिलने पाकिस्तान गई हैं।

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शहर के मुहल्ला पठानान, जयगंज में रहने वाले हाफिज वकार पेशे से हार्डवेयर कारोबारी हैं। उनकी शादी 1984 में पाकिस्तान के करांची की सलमा बेगम के साथ हुई थी। शादी के बाद वकार को सात संतानें दानिश, निदा वकार, हिना वकार, जीशान, सलमान, वकाश, रेहान हैं। वर्ष 93 में वकार अपनी बीवी सलमा और पुत्र सलमान व वकाश के साथ ससुराल पाकिस्तान गए थे। तब अचानक सलमान की तबीयत खराब हुई तो उसे वहां छोड़कर आना पड़ा, तब वकार महज दो साल का था। वर्ष 95 में वकार फिर ससुराल पाकिस्तान गए, मगर पांच साल की आयु का सलमान अम्मी-अब्बा को पहचान न सका। वह नाना-नानी को अब्बा-अम्मी मान चुका था। 2006 में वकार फिर पत्‍‌नी के साथ पाकिस्तान के करांची गए, तब नाना और नानी के बताने पर सलमान अपने मुल्क हिन्दुस्तान आने को मचल उठा था। बेटे सलमान को अपने मुल्क वापस लाने के लिए वकार दिल्ली के विदेश मंत्रालय से लेकर दूतावास तक कई बार गए, मगर उनकी किसी ने नहीं सुनी।

मोदी जी से लगाएंगे गुहार

वकार कहते हैं कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिलेंगे। इनके पास पहुंचकर बेटे को वतन वापस कराने की गुहार लगाएंगे। वकार के करीबी दोस्त एसएम कयाम बताते हैं कि प्रधानमंत्री तक पहुंचने के लिए भाजपा सांसद सतीश गौतम से परिवार के लोग मुलाकात करेंगे।

पाकिस्तान से निकालो अब्बू

दानिश बताते हैं कि सलमान की याद में रोजाना परिवार फूट- फूटकर रो पड़ता है। ईद पर घर में खुशी नहीं गम पसरा था। दोनों सगी बहनें इन दिनों 90 दिन के बीजा पर पाकिस्तान भाई के पास गई हैं, मगर वह कहती हैं कि जब तक सलमान अपने मुल्क नहीं पहुंचते वह शादी नहीं करेंगी। वह फोन पर रोते हुए कहता है कि अम्मी और अब्बू हमें अपने मुल्क बुला लो।

चौपट हुआ कारोबार

वकार खां का 10 साल पहले तक हार्डवेयर कारोबार रफ्तार पर था। मगर जब से सलमान को मुल्क वापस लाने के लिए दिल्ली के चक्कर लगने शुरू हुए तो कारोबार ही चौपट हो गया। वकार के करीबी मुख्तार सलीम बताते हैं कि अब परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

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