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अचानक नाव की तरह हिलने लगी कुर्सी

जागरण टीम,अलीगढ़:जिन भूकंप ने नेपाल में तबाही मचाकर लाशों के ढेर लगा दिए, उसी भूकंप के झटके उत्तर भा

By Edited By: Published: Sun, 26 Apr 2015 01:25 AM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2015 01:25 AM (IST)
अचानक नाव की तरह हिलने लगी कुर्सी

जागरण टीम,अलीगढ़:जिन भूकंप ने नेपाल में तबाही मचाकर लाशों के ढेर लगा दिए, उसी भूकंप के झटके उत्तर भारत के साथ अलीगढ़ में भी महसूस किए गये। शनिवार दोपहर करीब 11.45 बजे अपनी रफ्तार से दौड़ रही जिंदगी को यहां भी भूकंप के झटकों से जूझना पड़ा। किसी के घर में बर्तन हिलने लगे तो कहीं पर फर्नीचर व कम्प्यूटर कंपन करते दिखे। किसी ने चक्कर आना महसूस किया तो कीं नाव की मानिंद कुर्सी हिलने लगी। जहां पर भूकंप के झटके आने का आभास हुआ, वहां कोहराम मच गया। मकान-दुकान,स्कूल और भवनों को छोड़कर लोग बाहर निकल आए। कई पुराने भवनों में दरार पड़ गयी। स्थिति सामान्य होते ही सबकी नजरें टिक गयी टीवी चैनलों पर। टोह लेने लगे नेपाल से लेकर देश के विभिन्न क्षेत्रों में हुए हादसों की। फोन पर कुशलता जानते रहे अपनों की। देर रात तक चलता रहा चर्चाओं और अफवाहों का दौर। जहां एक ओर फिर झटके आने की आशंका सताती रही, वहीं दूसरी ओर धार्मिक आयोजनों के जरिये अनिष्ट के टलने की दुआ मांगी जाती रही।

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स्कूलों में भगदड़

शहर में आए भूकंप का सबसे ज्यादा असर शहर के स्कूलों में देखने को मिला। सुबह करीब 11.45 पर आए भूकंप जोरदार झटकों से कुछ स्कूलों में छिटपुट हादसे भी हुए। ओएलएफ स्कूल में भूकंप के बाद स्मार्ट बोर्ड और खिड़की गिर गए। एकदम बच्चों में मची भगदड़ में कुछ बच्चे भी चोटिल हो गए। बाद में सभी बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया। बच्चों के अनुसार कुछ दीवारों में भी दरार आई हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने इस घटना को सिरे से नकार दिया है। इसके अलावा शहर के अन्य विद्यालयों में भी बच्चों को एकाएक निकालकर मैदान में खड़ा किया गया। अधिकांश स्कूलों में भूकंप के बाद अवकाश घोषित कर दिया गया। वहीं दोबारा भूकंप की संभावना को देखते हुए शासन के निर्देश पर डीआइओएस राजू राणा ने भी सभी स्कूलों को तत्काल छुट्टी करने के निर्देश दिए।

श्रम विभाग में अटकी जान

पहले से जर्जर घोषित किया जा चुका उप श्रम आयुक्त कार्यालय शनिवार को भूकंप के झटकों ने कर्मचारियों की चिंता बढ़ा दी है। शनिवार को आए भूकंप के बाद कार्यालय की छत से प्लास्टर गिर गया। कर्मचारी किसी तरह जान बचाकर कार्यालय से भागे। जर्जर भवन को शिफ्ट करने के लिए कर्मचारी धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं, लेकिन अब तक कार्यालय शिफ्ट नहीं हो सका है।

मरीजों में भी हलचल

-जिला अस्पताल के मरीजों व डॉक्टरों में भी हलचल मच गई। जिस वक्त झटके आए, आयुष विंग के प्रभारी डॉ. नरेंद्र सिंह मरीज का ब्लड प्रेशर चेक कर रहे थे। कुर्सी व बीपी की मशीन हिलने लगी। मरीज ने भी यही महसूस किया। फिर, सारे लोग बाहर आ गए। भुजपुरा निवासी रसीदन ने बताया कि बेटा अहमद डायरिया वार्ड में सोया हुआ था, उसकी ग्लूकोज की बोतल हिलने लगी। पहले कुछ समझ नहीं आया, फिर भूकंप का पता लगा।

जब सबकुछ हिलने लगा

मैं अपने स्टाफ के साथ बैठक कर रहा था, तभी ऐसा लगा कि सबकुछ हिल रहा हो, सभी गेस्ट और स्टाफ को बाहर निकाला गया।

मानव महाजन, होटल व्यवसायी

मै पलंग पर बैठा था कि एकदम से वह हिलने लगा। पानी की बोतल भी अपने आप हिलने लगी। यह अब तक मेरी जिदंगी का सबसे बड़ा भूकंप था, जिसे मैने महसूस किया।

सुरेश कुमार, गजलकार

मैं बैंक में रोजाना की तरह काम कर रहा था। मैरा शरीर एकदम से कांपने लगा। इस दौरान ग्राहकों के सहमे चेहरे मुझे अहसास हुआ और स्टाफ के साथ बाहर निकले।

प्रदीप सचान, पीएनबी कर्मचारी


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