Move to Jagran APP

एक नंबर की हेराफेरी

राजेश कुमार सिंह, अलीगढ़ ग्राम प्रधान और सचिव के गठजोड़ के बूते भ्रष्टाचार के किस्से ढेरों सुने हो

By Edited By: Published: Thu, 29 Jan 2015 01:36 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jan 2015 01:36 AM (IST)
एक नंबर की हेराफेरी

राजेश कुमार सिंह, अलीगढ़

loksabha election banner

ग्राम प्रधान और सचिव के गठजोड़ के बूते भ्रष्टाचार के किस्से ढेरों सुने होंगे। यहां मामला थोड़ा अलग है और हैरतअंगेज भी। किस्सा यह कि पंचायत सचिव ने ग्राम प्रधान को मानदेय का जो चेक दिया था, उसमें एक नंबर बढ़ाकर 10 हजार रुपये ज्यादा निकाल लिए। खेल का मजा यह भी कि चेक को भुनाने के बाद उसे वापस किया गया। उसकी रकम में हेरफेर के बाद अगले रोज पूरा पैसा निकाल लिया गया। बैंक का ब्योरा खंगाला तो भांडा फूटा। बहरहाल, पंचायत सचिव ने प्रधान की लिखित शिकायत आला अफसरों से की है।

यह है मामला

आरोपों के घेरे में शहर से सटे धनीपुर ब्लॉक के गांव ईशनपुर के प्रधान अलीमुद्दीन हैं। आरोप अपने ही मानदेय को चेक में बढ़ाकर निकाल लेने का है। दरअसल, प्रधान को हर महीने 2500 रुपये मानदेय मिलता है। पंचायत सचिव ओम प्रकाश ने बीते साल के तीन महीनों (जून, जुलाई व अगस्त) के लिए 11 सितंबर 2014 को केनरा बैंक का 7500 रुपये का चेक (69472) सौंपा था। अगले रोज प्रधान ने धनीपुर स्थित केनरा बैंक में चेक जमा किया। ग्राम निधि-प्रथम के खाते से पैसे निकाल भी लिए गए। चेक कैश होने के बाद उसी रोज यही चेक (69472) बैंक से वापस ले लिया गया। खाते में 7500 रुपये लौट आए। ठीक एक दिन बाद यही चेक बैंक में फिर जमा किया गया, लेकिन अब इसमें राशि 17,500 रुपये की जा चुकी थी। बैंक ने चेक को कैश भी कर दिया।

एक नंबर का खेल

सचिव का आरोप है कि प्रधान ने 7500 रुपये की रकम को बढ़ाकर 17,500 किया है। पंचायत सचिव ओम प्रकाश ने मुख्य विकास अधिकारी दीपक मीना, जिला विकास अधिकारी शकील अहमद व जिला पंचायती राज अधिकारी करुणापति मिश्रा को भेजे शिकायती पत्र में यही आरोप लगाए हैं। कहा है, प्रधान ने 7500 रुपये की रकम को बढ़ाने के लिए सात से पहले एक लगा लिया। सचिव ने प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है।

जान को भी खतरा

पंचायत सचिव ने प्रधान से अपनी जान का खतरा भी बताया है। कहा है, प्रधान गलत कार्यो के लिए दबाव डाल रहे हैं। न करने पर गाली-गलौज भी की है।

सत्ता की हनक

आरोप है कि प्रधान के पक्ष में सत्ताधारी दल के सफेदपोश हैं। अफसर भी इसी कारण प्रधान के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे। हालांकि, सचिव के समर्थन में गांव के कई लोग सीडीओ से मिल चुके हैं।

इनका कहना है

मैंने प्रधान को 7500 रुपये का चेक दिया था। उन्होंने हेराफेरी करके 17,500 रुपये निकाल लिए। मैंने इसकी जानकारी आला-अफसरों को दे दी है। प्रधान से मेरी जान को भी खतरा है।

-ओम प्रकाश, पंचायत सचिव, ईशनपुर।

मानदेय का चेक मेरा नहीं था। हैंडपंप मरम्मत, मिट्टी आदि काम गांव में कराया था। उसका पैसा बकाया था। पंचायत सचिव ने उसका चेक दिया था। अब सचिव गलत बयानबाजी कर रहे हैं।

-अलीमुद्दीन, प्रधान, ईशनपुर।

------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.