डायरिया व मस्तिष्क ज्वर से हिफाजत करेंगे टीके
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : मातृ व शिशु मृत्यु दर रोकने के लिए सरकार गंभीर और निरंतर प्रयासरत है। अ
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ :
मातृ व शिशु मृत्यु दर रोकने के लिए सरकार गंभीर और निरंतर प्रयासरत है। अब जननी स्वास्थ्य सुरक्षा के तहत लगने वाले पाच जरूरी टीकों के साथ चार नए टीके भी लगाए जाएंगे। इसमें रूबेला, रोटा वायरस, जापानी इंसेफ्लाइटिस व आइपीवी (इंएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन) का टीका शामिल होगा। ये टीके महिलाओं की गर्भपात से रक्षा करेगा तो शिशुओं को जानलेवा मस्तिस्क ज्वर, डायरिया व पोलियो से महफूज रखेंगे।
रूबेला वायरस
रूबेला वायरस को गर्भपात के लिए जिम्मेदार माना जाता है। सरकारी अस्पतालों में अभी तक इसकी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, जबकि निजी तौर पर वैक्सीन काफी महंगी है। नियमित टीकाकरण में यह निशुल्क होगी
जापानीज इंसेफ्लाइटिस
मस्तिष्क ज्वर के नाम से जाने वाले इस वायरस की वजह से मस्तिष्क फ्लूड (सीएसएफ) में संक्रमण होने से बच्चों की मौत हो जाती है।
रोटा वायरस
बच्चों में डायरिया की एक वजह रोटा वायरस भी है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में 4.14 फीसद बच्चों (0-5 साल) की मौत रोटा वायरस की वजह से होती है।
पोलियो
आइपीवी (इंएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन) को अब नियमित टीकाकरण में शामिल किया जाएगा। अभी यह पल्स पोलियो अभियान के दौरान ही ओरल रूप में बच्चों को दी जा रही है।
जननी सुरक्षा कार्ड पर नजर
सरकारी प्रसव केंद्रों पर महिलाओं को जननी सुरक्षा कार्ड दिया जाता ह। इसमें हर माह महिला का वजन और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की जाच की जाती है। अब तक इसमें पाच प्रमुख वैक्सीन (डीप्थीरिया, टीटनेस, काली खासी, बीसीजी और हेपेटाइटिस ए और बी लगाए जाते हैं। नए कार्ड में रूबेला, जेई, रोटा वायरस व आइपीवी को शामिल किया जाएगा।
इनका कहना है..
लखनऊ में इन वैक्सीन को नियमित टीकाकरण में शामिल करने की सूचना मिली है। दिशा-निर्देश और वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद इन्हें टीकाकरण में शामिल कर लिया जाएगा।
- डॉ. अनुपम भास्कर, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी।