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200 वनस्पति व 150 जीव-जंतु सूचीबद्ध

- राज्य बोर्ड के निर्देश पर जैव विंिवधता सर्वे पूरा - वन अधिकारी 600 एकड़ में जैव विविधता पार्क बनव

By Edited By: Published: Mon, 26 Jan 2015 02:02 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jan 2015 05:26 AM (IST)
200 वनस्पति व 150  जीव-जंतु सूचीबद्ध

- राज्य बोर्ड के निर्देश पर जैव विंिवधता सर्वे पूरा

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- वन अधिकारी 600 एकड़ में जैव विविधता पार्क बनवाने की कवायद

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ :

राज्य जैव विविधता बोर्ड के निर्देश पर सर्वेक्षण में तकरीबन 200 तरह की वनस्पति व 150 तरह के जीव-जंतुओं को सूचीबद्ध गया है। सूची के अनुसार वन संपदा को चित्रों समेत किताब का रूप देकर फरवरी में बोर्ड को भेज दिया जाएगा, ताकि यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बायो डायवर्सिटी पार्क बनवाने के लिए बजट की कवायद शुरू की जा सके।

वन विभाग की कवायद

गुरसिकरन के वन क्षेत्र की जमीन पर स्पो‌र्ट्स यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव हटने के बाद वन विभाग यहां बायो डायवर्सिटी पार्क बनाने की कवायद में जुटा है। यूपी बायो डायवर्सिटी बोर्ड का निर्देश मिलने के बाद वन विभाग ने बायो डायवर्सिटी पार्क के लिए इसी जमीन का चयन और जैव विंिवधता का सर्वेक्षण शुरू किया। इसके लिए दो माह पूर्व वन विभाग ने पांच सदस्यीय बायो डायवर्सिटी मैनेजमेंट कमेटी गठित की। एएमयू के संबंधित विभागों का भी सहयोग लिया गया।

बायो डायवर्सिटी पार्क

इस योजना के तहत गुरसिकरन की करीब 600 एकड़ भूमि पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बायो डायवर्सिटी पार्क बनाने की कवायद चल रही है। पर्यटन व शोध की दृष्टि से यह बेहद महत्वपूर्ण होगा। हर साल हजारों की संख्या में देसी व विदेशी पर्यटक पार्क आएंगे तो जिले को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। पार्क पर अनुमानित लागत 200 से 250 करोड़ रुपये आती है।

सर्वेक्षण पर नजर

बायो डायवर्सिटी मैनेजमेंट कमेटी के परामर्शदाता रंजन राना के अनुसार सर्वेक्षण में टीमों को तकरीबन 200 तरह की वनस्पति मिली है। इसमें जड़ी-बूटियों, फल, फूल, खरपतवार व अन्य वनस्पति को भी शामिल किया गया है। करीब 150 तरह के छोटे-बड़े जीव-जंतुओं को भी सूचीबद्ध किया गया है। इसमें प्रमुख रूप से ब्लैक बक (काला हिरण), नीलगाय, जंगली सूअर, सेह, जंगली खरगोश, सियार, नेवला, सांप व पक्षियों में चील, किंग फिशर, मोर, रोबिन चिड़िया, कबूतर, चटरी, नीलकंठ, गौरैया आदि शामिल किए गए हैं। कई तरह की वनस्पति व जीव-जंतुओं की एएमयू में संबंधित विभागों से पहचान कराई जा रही है।

इनका कहना है

वन विभाग का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। सर्वेक्षण के बाद किताब छपवाई जा रही है, जो फरवरी में बोर्ड को भेज देंगे। अब पार्क के लिए बजट प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी।

- डीपी सिंह, प्रभागीय निदेशक, वानिकी प्रभाग।

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