जुल्म की कहानी.. आंसुओं की जुबानी
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अगर देश की सरकारें वैसी ही होतीं, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते ह
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अगर देश की सरकारें वैसी ही होतीं, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं तो किसी शख्स की आंखों में आंसू नहीं होते। किसी को शिकायत होती तो फौरन दूर कर दी जाती। दरअसल, सरकार वो है, जो गरीबों के लिए जिए, गरीबों के लिए करे और गरीबों के लिए सोचे। मगर, जब सरकारें निष्ठुर हो जाती हैं तो फिर वही होता है, जैसा कि गुरुवार को यहां हुआ। अलीगढ़ कलक्ट्रेट के निरीक्षण के लिए आए राजस्व परिषद के अध्यक्ष जावेद उस्मानी से मिलने पहुंचे कुंवरपाल (52) व्यथा सुनाते हुए फफक पड़े। अश्रु-गंगा इस कदर बही कि अफसरों को भी दया आ गई। उनकी शिकायत सुनी गई और फटाफट इंसाफ का वादा भी किया गया। लेकिन, अंत में सवाल वही छूट गया कि आखिर इसकी नौबत ही क्यों आई? क्या यह काम पहले नहीं हो सकता था?
वाक्या गुरुवार सुबह 10.30 बजे का है। राजस्व परिषद के अध्यक्ष जावेद उस्मानी कलक्ट्रेट में अफसरों के साथ पहुंच चुके थे। तय कार्यक्रम के अनुसार वे परिसर का निरीक्षण भी करने लगे। इस बीच कुंवरपाल भी उन्हें अपनी पीड़ा सुनाने पहुंच गए। वो खेल भी, जो तहसील स्तरीय अफसर और कर्मचारी वर्षो से खेल रहे हैं। बकौल कुंवरपाल, करोड़ों रुपये की जमीन पर दबंगों का कब्जा है। मैं हर जगह गया, लेकिन अभी तक इंसाफ नहीं मिला। सरकारी कर्मचारियों ने मुझे इतना छकाया है कि अब इनकी चौखट तक आने में कदम लड़खड़ा जाते हैं।' इतना बताते हुए कुंवरपाल का धैर्य चुक गया और वे फूट-फूटकर रो पड़े। यह देखकर एडीएम प्रशासन संजय चौहान ने तुरंत एसडीएम कोल पूरण सिंह राणा को शिकायत सुनने के निर्देश दिए। एसडीएम ने उन्हें जांच कराने और कार्रवाई का भरोसा भी दिया। बुजुर्ग को थोड़ी तसल्ली तो मिली, लेकिन न्याय की आस बरकरार है। इसके साथ गांव ताजपुरा रसीपुर के नत्थू सिंह व जलाली के अली अकबर ने भी अफसरों से शिकायत की। अली अकबर तो राजस्व परिषद के अध्यक्ष के पास ही उस वक्त पहुंच गए, जब वे मीडिया से बात कर रहे थे।
इनका कहना है
कुंवरपाल की समस्या मैंने सुन ली है। उसके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। अगर तहसील के कर्मचारियों की गलती मिली तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उसकी समस्या का जल्द समाधान कराया जाएगा।
-पूरण सिंह राणा, एसडीएम कोल।