एएमयू में कल-कल बहेगी शोध-गंगा
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में भी एक गंगा कल-कल बहने जा रही है।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ :
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में भी एक गंगा कल-कल बहने जा रही है। यह गंगा होगी, शोध की। शोध पुस्तकों को ऑनलाइन करने से जुड़े इस शोध-गंगा प्रोजेक्ट के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 27 लाख रुपये दिए हैं। इससे विश्व प्रसिद्ध मौलाना आजाद लाइब्रेरी में करीब डेढ़ साल से जारी काम को अब और रफ्तार मिल सकेगी।
मौलाना आजाद लाइब्रेरी के स्टाफ को यह खुशखबरी उस वक्त मालूम चली, जिस समय लाइब्रेरी में छात्राओं के प्रवेश को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी। कोर्ट ने तो याचिका को निरस्त कर दिया, लेकिन यूजीसी से यूनिवर्सिटी की लंबे समय से चली आ रही बजट की मांग मंजूर कर ली। पिछले हफ्ते ही इसके सुखद संकेत मिलने लगे थे। मंगलवार को इस पर मुहर लग गई।
शोध-गंगा प्रोजेक्ट
एएमयू में करीब डेढ़ साल से शोध-गंगा प्रोजेक्ट चल रहा है। इसके तहत मौलाना आजाद लाइब्रेरी की करीब 8000 शोध पुस्तकें ऑनलाइन की जाएंगी। अभी तक इनमें से 300 पुस्तकें ऑनलाइन की जा चुकी हैं। वर्तमान में सर्वाधिक जरूरत लैब स्थापना की है। इसके हो जाने से लाइब्रेरी से ही पुस्तकें ऑनलाइन की जा सकेंगी। दरअसल, लाइब्रेरी में करीब 6.50 लाख पुस्तकें हैं। बड़ी संख्या में दुर्लभ पांडुलिपियां भी हैं। मुस्लिमों के चौथे खलीफा हजरत अली के हाथों हिरन की खाल की झिल्ली पर लिखी कुरान मजीद भी यहां सुरक्षित है।
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