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महिलाओं की हिफाजत बड़ी चुनौती

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : डीआइजी मोहित अग्रवाल ने स्वीकारा कि महिलाओं की सुरक्षा बड़ी चुनौती है। साथ

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 04:53 AM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 12:50 AM (IST)
महिलाओं की हिफाजत बड़ी चुनौती

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : डीआइजी मोहित अग्रवाल ने स्वीकारा कि महिलाओं की सुरक्षा बड़ी चुनौती है। साथ ही यह भी जोड़ा कि पुलिस इस चुनौती से निपटने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि अगर कोई महिला रिपोर्ट लिखाने जाती है और थाने में पुलिसकर्मी आनाकानी करता है तो उस पुलिसकर्मी के खिलाफ ही मुकदमा लिखा जाएगा।

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मंगलवार को गायत्री पैलेस में 'महिला सुरक्षा व अलीगढ़ शहर' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में डीआइजी ने कहा कि महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं की रोकथाम से जुड़े तथ्यों की पुस्तिका छपवाकर पुलिस स्कूल-कॉलेजों में बंटवाए। स्कूल भी बच्चों को जागरूक करने के लिए अलग से कक्षा चलाएं। उन्होंने महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 व 1090 के बारे में भी बताया। यूपी पुलिस की बेवसाइट के बारे में भी बताया, जिस पर वे शिकायत दर्ज करा सकती हैं। वीमेन सेल में भी व्हाट्सअप व फेसबुक के जरिए महिलाएं शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जे.रविंद्र गौड़ ने कहा कि आने वाले दिनों में पुलिस के व्यवहार में बदलाव दिखेगा। जिन मुहल्ले में मनचले सक्रिय हैं, पुलिस उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई करेगी। जहां तक स्ट्रीट लाइट न होने से अपराधों के जन्म लेने की बात है तो संबंधित विभाग को पत्र लिखा जाएगा। पुलिस गश्त बढ़ाई जाएगी।

पूर्व डीन हमीदा अहमद ने पुलिस विभाग की नई पहल का स्वागत करते हुए कहा कि पुलिस सलीके से पेश आए तो पीड़ित महिला का दर्द काफी कम हो सकता है। उद्योगपति विजय बजाज ने कहा कि बेटियों को घर का मेहमान बताया जाता है। हमें इस सोच से बाहर निकलना होगा।

संत फिदेलिस स्कूल के प्रिसिंपल फादर जॉर्ज पॉल ने कहा कि जिस देश में देवी के रूप में महिला की पूजा की जाती है, उसी महिला की सुरक्षा को लेकर हम चिंतित है। यह सब दोहरी मानसिकता का प्रभाव है। डॉ. पूनम बत्रा ने भी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। असिस्टेंट प्रोफेसर समीना खान ने कहा कि महिलाओं को कानून जानकारी नहीं होती है, इसलिए पुलिस का सहारा लेना पड़ता है।

समाजसेवी दिव्या लहरी ने कहा कि हमें खुद की सुरक्षा के तौर तरीके आने चाहिए। अभिभावकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। फाइजा अब्बासी ने कहा कि हमें अपने अधिकारों को समझना होगा।

गोष्ठी में रिजवी शाहिदा, मंजू गौड़, ममता सिंह, एसपी यातायात अरुण कुमार सिंह, कृष्णा इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक प्रवीन अग्रवाल, मदर्स टच स्कूल की आरती मित्तल, ब्लू बर्ड स्कूल की शकला सिंह समेत कई स्कूलों की प्रधानाचार्य मौजूद थीं।

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मुकाबला करना सीखें

अधिवक्ता पूनम बजाज ने कहा कि आज हम जितने आधुनिकता की तरफ बढ़ रहे हैं, उतने संस्कारहीन होते जा रहे हैं। उन्होंने छात्राओं का आह्वान किया कि वे मनचलों का मुकाबला करना सीखें। फिर कोई आंख उठाकर नहीं देखेगा।

चिंतित रहते हैं मां-बाप

टीआर कॉलेज की छात्रा खुशी शर्मा ने कहा कि आज हालात ये हैं कि जब बेटी स्कूल जाती है तो उसके लौटने तक मां-बाप चिंतित रहते हैं।

बनेगा सिक्योरिटी प्लान

संयोजक एसपी सिटी पंकज पांडेय ने भरोसा दिलाया कि वक्ताओं के सुझावों पर पुलिस महिला सुरक्षा योजना तैयार करेगी।

स्कूलों में हों गोष्ठियां

संचालन करते हुए अलबरकात एजुकेशन सोसायटी के सचिव डॉ. अहमद मुजतबा सिद्दीकी ने कहा कि समिति का गठन किया जाए। समिति स्कूलों में महिला सुरक्षा पर नुक्कड़ नाटक व सेमिनार कराए।

मिली सराहना

ट्रेनी पुलिस उपाधीक्षक प्रीति सिंह ने गोष्ठी के शुरुआत में महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं के आंकड़ों का पावर प्रजेंटेशन पेश किया। उनकी इस पेशकश को सभी ने सराहा।


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