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कागजों में नियम, धुएं में कानून

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : शहर में सब्जी मंडी चौराहे पर वर्षो पहले हुई आगजनी के बाद जिला प्रशासन ने भ

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 01:22 AM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 01:22 AM (IST)
कागजों में नियम, धुएं में कानून

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : शहर में सब्जी मंडी चौराहे पर वर्षो पहले हुई आगजनी के बाद जिला प्रशासन ने भले ही नुमाइश मैदान में आतिशबाजी बाजार लगाने का सिलसिला शुरू किया हो, पर यहां के हालात भी बुरे हो चले हैं। कागजों में कानून दम तोड़ रहा है और जिम्मेदार अफसर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। नीली बत्ती लगी एक गाड़ी का आतिशबाजी बाजार के बीचों-बीच खड़े होना भी सवाल खड़े करता है।

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नुमाइश मैदान के आतिशबाजी बाजार को लेकर 10 अक्टूबर को हुई बैठक में 21 बिंदुओं पर नियमों का हवाला दिया गया था। एडीएम सिटी ने इन नियमों के पालन के लिए सभी अफसरों की जिम्मेदारी तय की थी। इसमें प्रभारी निरीक्षक बन्नादेवी से लेकर मुख्य अग्निशमन अधिकारी तक शामिल हैं। नियमानुसार आतिशबाजी बाजार के चारों ओर बैरिकेडिंग होनी चाहिए। ऐसा हुआ भी, परंतु एक दिन बाद ही दरबार हॉल की ओर से बैरिकेडिंग तोड़ दी गई। सारे वाहन धड़ल्ले से अंदर तक जाने लगे। हद तो तब हो गई, जब बुधवार दोपहर में नीली बत्ती लगी बोलेरो आतिशबाजी बाजार के बीचों-बीच खड़ी हो गई। बैठक में तय यह हुआ था कि बैरिकेडिंग पर रोकने के लिए पुलिसकर्मी खड़े होंगे। ये कभी नहीं दिखे। अग्निशमन विभाग के अफसर भी जांच नहीं कर रहे।

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..और नियमों में दे दी ढील

आतिशबाजी बाजार सरकारी मशीनरी के लिए नाक का सवाल बन गया है। सूत्रों ने बताया कि अग्निशमन विभाग से संबंधित दो अफसरों के वसूली के किस्से खूब चर्चा में हैं। बड़े साहब ने कुछ दुकानदारों के लिए नियमों में ढील दी तो छोटे साहब पहुंच गए। उन्होंने दुकानदारों को हड़काया और कहा कि बचकर कहां जाओगे। इतने में एक सीओ के चालक ने फोन किया और माल तैयार रखने का फरमान सुनाया। अब भगवान जाने सीओ ने वाकई कहा था या चालक ने अपनी गोटी बिछाई। अब दुकानदार पसोपेश में हैं। यही वजह है कि 250 की जगह 175 दुकानें ही लगी हैं। कारोबारियों ने बताया कि अगले साल संख्या और कम होगी।

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निहाल हुए कर्मचारी

पसंद की दुकान देने के नाम पर पांच से 10 हजार प्रति दुकान तक वसूले गए तो एडीएम सिटी का माथा ठनका। सूत्रों ने बताया कि दुकान लगने से पहले बड़ा गुणा-गणित हुआ। नुमाइश से जुड़े बाबुओं ने एक-एक दुकान के नाम पर खूब खेल किया। सारे नियम ताक पर रख दिए गए। कायदे में एक दुकान छोड़कर दुकान लगनी चाहिए, परंतु कई जगह यह नियम नदारद है। मनचाही जगह दुकान पाने वालों को जेब भी ढीली करनी पड़ी है।

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बैठक कर नियमों के पालन के निर्देश दिए गए थे। फिर भी देखने में आ रहा है कि कई बिंदुओं पर उदासीनता बरती जा रही है। दुकान आवंटन में शिकायत मिली थी तो लॉटरी सिस्टम लागू कर दिया था। मैंने खुद दौरा किया है। दुकानदारों को सचेत भी किया है। अग्निशमन विभाग को भी कहा जाएगा।

-अवधेश कुमार तिवारी, एडीएम सिटी।


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