फंसाया जा रहा अध्यक्ष को
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : ज्ञानी पंडित हत्याकांड में जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर चौधरी के फंसने से सनसनी फैल गई है। सोमवार को कई जिला पंचायत सदस्यों ने अध्यक्ष को बेकसूर बताते हुए आरोप लगाया कि उन्हें फंसाया जा रहा है। अध्यक्ष के खिलाफ कानून कार्रवाई न किए जाने की मांग को लेकर वे डीआइजी से भी मिले।
डेढ़ दर्जन से अधिक सदस्यों ने दोपहर में जिला पंचायत कार्यालय में बैठक की। जिला पंचायत सदस्य के पति शिव नारायण शर्मा ने कहा कि सुधीर ऐसा काम कर ही नहीं सकते। किसी से उनकी लड़ाई नहीं है। उन्होंने हमेशा अलीगढ़ के विकास के लिए सोचा है। सोमेश चौधरी ने कहा कि सुधीर चौधरी को राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता की वजह से फंसाया जा रहा है। ज्ञानी की हत्या से उनका कोई लेना-देना नहीं है। नीरज यादव ने कहा कि ज्ञानी हत्याकांड की कड़ाई से जांच होनी चाहिए।
जिला पंचायत सदस्यों का जत्था शाम चार बजे डीआइजी सत्येंद्रवीर सिंह से मिला। यहां निष्पक्ष जांच की मांग की गई। यहां से सभी सदस्य कलक्ट्रेट पहुंचे। यहां एडीएम सिटी अवधेश कुमार तिवारी को ज्ञापन सौंपा। एडीएम सिटी से भी सदस्यों ने तर्क दिया कि संवैधानिक पद पर बैठे किसी भी पदाधिकारी पर अंगुली उठाने से पहले सोचना चाहिए। पहले पूरी छानबीन की जाए, फिर कार्रवाई हो। इस मौके पर राघवेंद्र सिंह कालू, राजेंद्र सिंह, जस्सू शेरवानी आदि थे।
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जावेद का हो नार्को टेस्ट
जिला पंचायत सदस्यों ने मांग उठाई कि जावेद का नार्को टेस्ट कराया जाए। 164 का बयान भी लिया जाए। पुलिस के इस तरह रफा-दफा करने से मामला बिगड़ जाएगा। किसी भी निर्दोष को फंसाने की पुलिस भरपूर कोशिश कर रही है। इसलिए आला अफसरों को ख्याल रखना चाहिए। उधर, जिला पंचायत कर्मचारी संघ भी अध्यक्ष के समर्थन में उतर गया है। सोमवार को पंचायत परिसर में हुई बैठक में कर्मचारी संघ के महामंत्री अनूप कुमार दुबे ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग उठाई। अध्यक्ष विक्रम सिंह सहित आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी मौजूद थे। संतोष कुमार पांडेय, कृष्ण गोपाल, धर्मपाल सिंह, अंबिका प्रसाद, हरिओम, प्रेम कुमार गौतम, विक्रम सिंह, नरेश सिंह यादव, चंद्रशेखर सिंह आदि थे।