बिजली कटौती में फंसी किसानों की सांस
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : भरपूर बारिश न होने से किसानों के सामने फसल बचाने की विकट समस्या खड़ी हो गई है। बिजली न आने से धान की फसल पर खतरा मंडरा रहा है। फिलहाल दस घंटे बिजली सप्लाई के आदेश हैं,लेकिन इतनी बिजली किसानों को नहीं मिल रही।
जिले में इस बार धान की डेढ़ गुणी फसल रोपी गई है। किसानों को उम्मीद थी कि मानसून उनका साथ देगा, लेकिन अभी तक हुई बरसात ने किसानों को परेशान किया है। सबसे ज्यादा मुसीबत बिजली कटौती ने बढ़ाई है। अधिकांश गांवों में तीन से चार घंटे भी सप्लाई नहीं हो रही।
कब पहुंचेगी बिजली
जिले में 357 माजरे ऐसे हैं, जहां आज तक बिजली नहीं पहुंची है। ऐसे भी कई गांव हैं जहां लाइन तो खिंच गई लेकिन बिजली नहीं पहुंची। ऐसे गांव में बिजली पहुंचाने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना 12वीं के तहत शासन को प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव में 357 माजरों में विद्युतीकरण व 1610 आंशिक विद्युतीकरण वाले गांवों में काम होना था। 49 हजार बीपीएल कार्ड धारकों को कनेक्शन दिए जाने थे। 168 स्वास्थ्य केंद्र, 264 पंचायतघर व 327 स्कूलों को कनेक्शन दिए जाने हैं। अच्छी बात यह है कि योजना को मंजूरी मिल गई है।
जनता की पीड़ा
गांव में बिजली न आने से बहुत दिक्कत हो रही है। फसलों की सिंचाई तक नहीं हो पा रही।
- प्रवीन चौधरी, गांमरी।
धान की फसल की सिंचाई इस समय चुनौती बनी हुई है। अव्वल तो बारिश नहीं हो रही, दूसरी बिजली भी नहीं मिल पा रही।
- ज्ञानेंद्र सिंह, भूपाल नगलिया
फसल के समय भी सरकार भरपूर बिजली नहीं दे पा रही। चुनाव के समय वायदे बड़े-बड़े किए थे।
- नाहर सिंह, लोहपूठ।
बिजली कटौती ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। कब बिजली चली जाए, पता नहीं। शेड्यूल से ज्यादा कटौती हो रही है।
- वेदप्रकाश शर्मा, गभाना।
देहात में दस घंटे बिजली सप्लाई के आदेश हैं। उसमें से अधिक से अधिक देने की कोशिश की जा रही है। ब्रेक डाउन आदि के चलते इसमें दिक्कत हो रही है।
- देवेंद्र सिंह, अधीक्षण अभियंता (देहात)
सूरतेहाल
- देहात में उपभोक्ता : 1.90 लाख
- हर माह का बिल : 25 करोड़
- देहात इलाके को मिली बिजली : 104.56 मिलियन यूनिट