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'विधवा-बच्चे और बुड्ढे को भी ठिकाने लगाना है'

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 02:20 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 02:20 AM (IST)
'विधवा-बच्चे और बुड्ढे को भी ठिकाने लगाना है'

अलीगढ़ : लोधा क्षेत्र के गांव वीरमपुर में हत्याकांड के शिकार हुए तीन दलितों की चिता अभी ठंडी भी नहीं हुई है कि घटना की रिपोर्ट लिखाने वाली चश्मदीद गवाह विधवा, उसके डेढ़ साल के बच्चे व बुजुर्ग ससुर को ठिकाने लगाने की धमकियां दी जा रही हैं। 24 घंटे में तीन बार बाइक सवार युवकों ने पीड़ितों को धमकाया है। रविवार को तीसरी बार धमकी देने की सूचना पर गांव में तैनात पुलिस-पीएसी ने घंटों छानबीन की। खेतों तक को खंगाला गया। अफसर पीड़ितों की सुरक्षा बढ़ाने का दावा कर रहे हैं।

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वीरमपुर में जमीन विवाद में बुधवार को कैलाश, उसकी बुआ बसंती व चाचा बाबूलाल की हत्या कर दी गई थी। कैलाश के भाई प्रताप उर्फ कालू को गंभीर रूप से घायल कर दिया था, जो अभी मेडिकल कालेज में भर्ती है। वहां शनिवार देर रात उसका ऑपरेशन हुआ है, लेकिन हालत नाजुक बनी हुई हैं। इस घटना के बाद क्षेत्र में जातीय तनाव पैदा होने के साथ सियासत भी गरमा गई है।

मृतकों के परिजनों को शासन से मिलने वाली आर्थिक मदद ई-पेमेंट के जरिये खाते में जानी है, इसलिए शनिवार को बैंक खाता खुलवाने के लिए कैलाश की पत्नी, घटना की मुख्य गवाह व रिपोर्ट लिखाने वाली प्रवेशा देवी अपने ससुर मेवाराम, बड़ी बहन अलका व दिल्ली में आयरन स्टोर चलाने वाले उसके पति (जीजा) नरेंद्र कुमार के साथ गभाना के पला सल्लू स्थित भारतीय स्टेट बैंक में जा रही थी।

उन्हें रास्ते में मिले दो बाइकों पर सवार पांच लोगों ने यह कहकर धमकाया, 'अभी इस विधवा-बच्चे और बुड्ढे को भी ठिकाने लगाना है।' पीड़ितों के अनुसार ये लोग प्रवेशा, उसके डेढ़ साल के बच्चे और ससुर मेवाराम को धमकी दे रहे हैं। पीड़ित बैंक गए तो उनके साथ कोई पुलिस वाला नहीं था। बैंक में भी दो युवक उन्हें मिले, जो उनके नाम-पते पूछ रहे थे। जैसे-तैसे वे वहां से गांव लौटे। रविवार को बाइक से वीरमपुर पहुंचे कैलाश के साढ़ू नरेंद्र व साली अलका ने गांव में मौजूद एसओ लोधा अजीत सिंह व सीओ कल्याण सिंह को बताया कि जब वे बाइक पर हरदुआगंज में अपने एक रिश्तेदार के यहां से वीरमपुर आ रहे थे तो गांव के बाहर बाइक पर बैठे दो लोग कह रहे थे-'कब तक बचाएंगे, इन्हें भी देख लेंगे हमारे आदमी आस-पास खेतों में ही छिपे हैं।'

इस जानकारी के बाद पीड़ितों में दहशत पैदा हो गई, पुलिस में भी हड़कंप मच गया। वहां तैनात पुलिस-पीएसी ने गांव के बाहर से लेकर आरोपियों के घर तक नरेंद्र व अलका को साथ लेकर संदिग्धों की खेतों तक में तलाश की, लेकिन कोई नहीं मिला।

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वीरमपुर में पीड़ित परिवार की कड़ी सुरक्षा की जा रही है। उनके घर आने वाले हर आदमी पर नजर रखी जा रही है।

- कल्याण सिंह, सीओ गभाना

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