सुदामा को देख कृष्ण की छलकी आंखे
अलीगढ़ : टीकाराम मंदिर में आयोजित भागवत कथा में सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता की कथा सुनाई गई। कथा व्यास विशुद्धानंद महाराज ने कहा कि दोनों की दोस्ती आज दुनिया में मिसाल है। गरीबी के दिनों में अपने मित्र से मिलने में सुदामा सकुचाते हैं। सुदामा की पत्नी आग्रह कर उन्हें उनके मित्र श्रीकृष्ण के पास भेजती हैं। राजा श्रीकृष्ण को ज्यों ही अपने मित्र के आने की सूचना मिलती है तो वे नंगे पांव उन्हें लेने के लिए दौड़ पड़ते हैं। अपने आंखों के नीर से सुदामा के पांव धोलते हैं। यह दृश्य देख द्वारपाल भी चकित रह जाते हैं। कथा व्यास ने कहा कि यह अनूठी दोस्ती पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
श्याम की महिमा है जग से न्यारी
अलीगढ़ : विक्रम कालोनी स्थित छोटा पार्क में श्रीकृष्ण के रासलीला की कथा सुनाई गई। कथा व्यास आचार्य धर्मेद्र शास्त्री ने कहा कि प्रभु श्रीकृष्ण कंस के अत्याचारी स्वभाव को जानते थे। इसलिए वे गोकुल से दूध-दही मथुरा नहीं भेजने देते थे। साथियों के साथ घरों में जाकर दूध-दही खा जाते थे। वे खेलकूद के माध्यम से ग्वाल-वालों को एकजुट करते थे। सुबह के समय त्रिलोक शास्त्री, दुर्गेश शुक्ला, प्रवीन शास्त्री, सोहन लाल खंडूरी, विनीत अवस्थी ने पितृ शांति यज्ञ कराया। इस मौके पर राधाचरण शर्मा, खेम करन, सत्यवती, विमला देवी, राजीव अग्रवाल, मुकेश गौतम, पंडित विनोद गौतम, वीरेंद्र सिंह चौहान, जितेंद्र सिंह आदि मौजूद थे।
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