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सूर्य की उपासना दे सकती है शिक्षा और करियर को नई उड़ान, जानिये कैसे

प्रत्यक्ष देव भगवान आदित्य की उपासना से रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ बुद्धि का भी विकास होता है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 01:08 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 01:08 PM (IST)
सूर्य की उपासना दे सकती है शिक्षा और करियर को नई उड़ान, जानिये कैसे
सूर्य की उपासना दे सकती है शिक्षा और करियर को नई उड़ान, जानिये कैसे

आगरा [जेएनएन]: कलयुग के साक्षात देव भगवान भास्कर। प्रत्यक्ष उपासना और प्रत्यक्ष प्रमाण। न कोई मठ, न कोई मंदिर और न ही कोई बीच में पुरोहित। बस उपासक और देव के मध्य भक्ति का विधान। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार सूर्य देव की साधना धार्मिक महत्व के साथ वैज्ञानिक महत्व भी रखती है। सूर्य की उपासना से शरीर के कई रोग स्वत: ही ठीक हो जाते हैं तो दिमाग भी तेज बनता है। सुबह- सुबह सूर्य देव की उपासना दिनभर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करती है। पंडित वैभव जोशी कहते हैं कि केवल सूर्य की उपासना करके इंसान अपने जीवन को सर्वोत्तम बना सकता है। विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में। सर्वोच्च स्थान पाने के लिए सूर्य उपासना सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है।

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सूर्य देव और शिक्षा का सम्बन्ध

- सूर्य शिक्षा और ज्ञान का स्वाभाविक स्वामी है।

- कुंडली में सूर्य शिक्षा की स्थिति को स्पष्ट करता है।

- सूर्य ये भी बताता है कि आप शिक्षा के प्रति कितने गंभीर हैं।

- सूर्य व्यक्ति को शिक्षा ग्रहण करने योग्य भी बनाता है।

- सूर्य के कमजोर होने से शिक्षा प्राप्त करने में समस्याएं आती हैं।

सूर्य कैसे देंगे शिक्षा का वरदान

- सुबह जल्दी उठने पर।

- साफ- सुथरे तरीके से रहने पर।

- सूर्य की रौशनी का लाभ उठाने पर।

- पिता और गुरुजनों का सम्मान करने पर।

- खान- पान शुद्ध रखने पर।

जीवन की आदतें जो वंचित करती हैं शिक्षा से

पंडित वैभव जोशी बताते हैं कि इंसान की शिक्षा कैसी होगी, ये कुंडली में सूर्य की स्थिति से साफ पता चलता है लेकिन कुछ आदतें भी हैं जिनके कारण इंसान सूर्य कृपा से वंचित रह जाता है और उसकी शिक्षा बदतर हो जाती है।

कब आती है शिक्षा में बाधा

- सूर्योदय के बाद देर तक सोने से।

- अंधेरे घर में या कमरे में रहने पर।

- अपने पिता का सम्मान ना करने पर।

- लेटकर पढऩे-लिखने पर।

- ज्यादा पेट भरकर खाने पर।

उत्तम शिक्षा के लिए सूर्य की उपासना

- रोजाना सूर्योदय से पहले ही शुद्ध होकर स्नान कर लेना चाहिए।

- नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें।

- संध्या के समय फिर से सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम करें।

- सूर्य के किसी भी मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करें।

- आदित्य हृदय का नियमित पाठ करे।ं

- रविवार को तेल और नमक नहीं खाना चाहिए।

- इस दिन एक समय ही भोजन करना चाहिए।

सूर्य उपासना के मंत्र

पंडित वैभव जोशी के अनुसार सूर्य उपासना में शिक्षा और करियर से जुड़ी हर समस्या का समाधान छुपा है। इनमें से किसी भी मंत्र का जाप आपके जीवन को सूर्य के समान कांतिमान बना सकता है।

सूर्याय नम: भास्कराय नम:

रवये नम: मित्राय नम:

भानवे नम: खगय नम:

पुष्णे नम: मारिचाये नम:

आदित्याय नम: सावित्रे नम:

आर्काय नम: हिरण्यगर्भाय नम: 


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