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लिंग परीक्षण के 'भ्रूण' से निकला जेल का रास्ता

जागरण संवाददाता, आगरा: लिंग परीक्षण में फंसने के बाद भी आरोपी जेल नहीं जाते थे, मगर अब ऐस

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Sep 2017 02:01 AM (IST)Updated: Thu, 14 Sep 2017 02:01 AM (IST)
लिंग परीक्षण के 'भ्रूण' से निकला जेल का रास्ता
लिंग परीक्षण के 'भ्रूण' से निकला जेल का रास्ता

जागरण संवाददाता, आगरा: लिंग परीक्षण में फंसने के बाद भी आरोपी जेल नहीं जाते थे, मगर अब ऐसा नहीं होगा। पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) टीम ने लिंग परीक्षण के 'भ्रूण' से आरोपियों को जेल भेजने का रास्ता निकाल लिया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में लिंग परीक्षण पकड़ने को शुरू हुई मुखबिर योजना के तहत पहला मामला हाल में मथुरा में पकड़ा है।

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राजस्थान की टीम लिंग परीक्षण करते डॉक्टरों और दलालों को स्टिंग ऑपरेशन में पकड़ने के बाद जेल भेज रही है, मगर ऐसे केस में स्थानीय पीसीपीएनडीटी टीम परिवाद दायर करती है। इसमें आरोपियों को पीसीपीएनडीटी कमेटी के सामने पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में शुरू हुई मुखबिर योजना की मदद से स्थानीय पीसीपीएनडीटी टीम ने 11 सितंबर को मथुरा के यमुना पार इलाके में अमर हॉस्पिटल में स्टिंग कर लिंग परीक्षण करते हुए तीन लोगों को पकड़ा था। पीसीपीएनडीटी सेल प्रभारी डॉ. वीरेंद्र भारती ने बताया कि आरोपियों पर लिंग परीक्षण कर गर्भपात कराने की साजिश में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) एक्ट की धारा 315 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें 10 साल की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही पीसीपीएनडीटी सहित अन्य धाराएं भी लगाई गई हैं। यह मुखबिर योजना के तहत प्रदेश का पहला केस है। आगे भी इसी तरह कार्रवाई की जाएगी, जिससे आरोपियों को जेल भेजा जा सके।

थाने से छूट गई थी डॉ. रेनू भार्गव:14 अप्रैल 2017 को हरियाणा की टीम ने भरत भार्गव हॉस्पिटल, अरतौनी की डॉ. रेनू भार्गव को लिंग परीक्षण करते हुए पकड़ा था। उन्होंने डॉक्टर सहित तीन आरोपियों को स्थानीय पीसीपीएनडीटी टीम को सौंप दिया था। पुलिस ने आरोपियों को थाने से छोड़ दिया, इस मामले में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत परिवाद दायर किया गया है। इसे दैनिक जागरण ने 16 अप्रैल के अंक में 'कोख में कत्ल का कानून भूली खाकी' शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

मुखबिरों को तीन किश्तों में दो लाख रुपये:मुखबिर योजना के तहत लिंग परीक्षण की सूचना देने के बाद स्टिंग में मदद करने और गवाही देने पर तीन किश्तों में दो लाख रुपये दिए जाएंगे। स्टिंग में शामिल गर्भवती को एक लाख, सूचना देने वाले को 60 हजार और सहायक को 40 हजार रुपये दिए जाएंगे।


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