वैदिक विधि से हो रही जैविक खेती
जागरण संवाददाता, आगरा: वैदिक विधि से जैविक खेती के कई फायदे हैं। इससे उपज में वृद्धि के साथ अनाज में
जागरण संवाददाता, आगरा: वैदिक विधि से जैविक खेती के कई फायदे हैं। इससे उपज में वृद्धि के साथ अनाज में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसे लेकर रविवार को शारदा ग्रुप के ¨हदुस्तान कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के बायोटेक विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में चर्चा की गई।
वैदिक विधि से जैविक खेती विषय पर आयोजित कार्यशाला में समन्वयक अरुण प्रसाद चोपड़ा ने कहा कि बीजामृत से बीज का शोधन किया जाता है। इसे बीज को बो दिया जाता है, इसके बाद अमृत पानी, दशापर्णी अर्क, जीवामृत, केचुआ की खाद का इस्तेमाल किया जाता है। इससे फसल में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। संस्थान के निदेशक डॉ. राजीव कुमार उपाध्याय ने कहा कि ब्रज क्षेत्र में जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। एनबीआरआइ, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पुनीत सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को जैव कीटनाशकों और जैव उर्वरकों को इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए। इस दौरान डॉ. आरपी अग्रवाल, प्रो. एसके सिंह, प्रो. एसके मिश्रा, स्वाति मिश्रा, संदीप अग्रवाल, प्रो. वीके गुप्ता, डॉ. सीएन त्रिपाठी, पीके शर्मा सहित आगरा, मथुरा के किसान मौजूद रहे।
ए से बनता है बीजामृत
100 लीटर पानी में 20 किलोग्राम गाय का गोबर, 20 लीटर गोमूत्र, 10 लीटर गाय का दूध, एक लीटर चूने के पानी से तैयार किया जाता है।