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Pulwama Terror Attack: मैनपुरी में सैन्य सम्मान संग दी गई शहीद रामवकील आखिरी सलामी

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद रामवकील का पार्थिव शरीर पहुंचा मैनपुरी। सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम सलामी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 12:37 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 12:37 PM (IST)
Pulwama Terror Attack: मैनपुरी में सैन्य सम्मान संग दी गई शहीद रामवकील आखिरी सलामी
Pulwama Terror Attack: मैनपुरी में सैन्य सम्मान संग दी गई शहीद रामवकील आखिरी सलामी

आगरा, दिलीप शर्मा। रात का अंधेरा खत्म होते-होते देश पर जान गंवाने वाले शहीद रामवकील का पार्थिव शरीर भी मैनपुरी जिले के अपने गांव विनायकपुर पहुंच चुका था। सुबह हो चुकी थी, लेकिन सूर्यदेव भी शायद इस शहादत पर छिपकर कहीं आंसू बहा रहे थे। गम का अहसास कराती हल्की सी धुुंध और ओस की बूंदों का सिलसिला था, जैसे मानो आसमां भी मां भारती के इस लाल को नम श्रद्धांजलि दे रहा हो। शहीद के अंतिम दर्शनों को लंबी कतार थी, फिर जब जांबाज अपनी आखिरी मंजिल के लिए चला तो हर तरफ भारत माता की जय और वंदे मातरम का जयघोष गूंज उठा।

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साथ चलते जनसमुद्र के कदमों से धरती भी कांपती सी लगी। अपने साथी पर गर्व कर रहे सीआरपीएफ के जवान साथ-साथ चल रहे थे। फिर बंदूकों के साथ शहीद को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी गई। शहीद के नाबालिग बेटे ने जैसे ही पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी, शहीद के अमर रहने के गगनभेदी जयघोष गूंजने लगे। सबकी आंखें नम थी, दिलों में सुलग रही बदले की आग के जज्बात जुबां से जाहिर हो रहे थे।

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ की बस पर हुए आतंकी हमले में बरनाहल के विनायकपुर निवासी रामवकील शहीद हुए थे। गुरुवार देर रात उनके  शहीद होने की सूचना आई थी। इसके बाद से परिवार सहित पूरा गांव गम में डूबा रहा, शुक्रवार की पूरी रात लोगों ने शहीद का पार्थिव शरीर आने के इंतजार में आंखों में काटी। शनिवार सुबह करीब साढ़े छह बजे उनका पार्थिव शरीर गांव लाया गया। सीआरपीएफ के डीआइजी टीके खूंटिया और एके थॉमस जॉब और अन्य अधिकारी साथ आए थे। पार्थिव शरीर को पहले अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। गांव में पहले से ही हजारों की भीड़ जमा थी, अंतिम दर्शनों के लिए लंबी कतारें लगी रहीं। अपने सपूत को खोने का दर्द इस कद्र था कि गांव के किसी घर में चूल्हा तक नहीं जला था। करीब दो घंटे बाद शहीद की अंतिम यात्रा शुरू हुई। यात्रा पर महिलाओं ने छतों से फूलों की बारिश की। पार्थिव शरीर को पारिवारिक खेत पर ले जाया गया। वहां सीआरपीएफ की ओर से अंतिम सलामी दी गई।

प्रदेश सरकार के मंत्री सत्यदेव पचौरी, सपा सांसद तेजप्रताप यादव, एमएलसी अरङ्क्षवद यादव, सपा विधायक सोबरन सिंह, भाजपा विधायक रामनरेश अग्नहोत्री, पूर्व मंत्री आलोक शाक्य, ब्लॉक प्रमुख बिल्लू यादव, डीएम प्रदीप कुमार और एसपी अजय शंकर राय आदि ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। अंतिम यात्रा के बाद शहीद के बड़े बेटे अंकित ने चिता को मुखाग्नि दी। शहीद के इस अंतिम सफर में भारत माता के जयघोष और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगातार गूंजते रहे। 

हर किसी को रामवकील नाज 

विनायकपुर के लाल की शहादत पर उनका गांव ही पूरा जिला नाज कर रहा है। उनके अंतिम दर्शनों को पूरे जिले भर से लोगों की भीड़ उमड़ी। बरनाहल के गांव विनायकपुर में वर्ष 1978 में जन्मे रामवकील माथुर वर्ष 2000 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनकी बहादुरी को देखते हुए उन्हें नक्सल प्रभावित क्षेत्र तो कभी असोम के अशांत इलाकों व कश्मीर में तैनात किया गया। पिछले एक वर्ष से कश्मीर में तैनात थे। 


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