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Convent Schools का नया फंडा, फार्म बेचकर ही लाखों की कमाई Agra News

सीटों के अनुपात में चार-पांच गुना तक बेच देते हैैं फॉर्म। रजिस्ट्रेशन के नाम पर वसूले जाते हैैं पांच सौ रुपये।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 08:27 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 08:35 AM (IST)
Convent Schools का नया फंडा, फार्म बेचकर ही लाखों की कमाई Agra News
Convent Schools का नया फंडा, फार्म बेचकर ही लाखों की कमाई Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। शहर के कई बड़े स्कूलों में नर्सरी एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इन स्कूलों में सीमित सीटों के बावजूद हजारों अभिभावक दाखिले की अपेक्षा से फॉर्म भर रहे हैैं। यही दावेदारी इन स्कूलों की कमाई का साधन है। ये स्कूल सिर्फ एडमिशन फॉर्म से ही लाखों की कमाई कर लेंगे।

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पिछले कुछ सालों में शहर के कॉन्वेंट और पब्लिक स्कूलों की कमाई को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इस बात पर भी सवाल उठे कि सीमित सीटों के लिए कितने फॉर्म बेचे जाएंगे। इस पर स्कूलों की तरफ से कभी कोई जवाब नहीं जाता। हालांकि नर्सरी एडमिशन को लेकर सरकार भी समय-समय पर हस्तक्षेप करती रही है, लेकिन स्कूलों की कमाई का जरिया बंद नहीं कर पाती।

सीटें सीमित, दावेदार असीमित

हर स्कूल में कम से कम 150 सीटें नर्सरी के लिए हैं। कुछ बड़े कॉन्वेंट और पब्लिक स्कूलों में नर्सरी के पांच से नौ सेक्शन तक हैं। हर सेक्शन में कम से कम 50 बच्चे होते हैं। स्कूल सीमित सीटों के लिए असीमित फॉर्म जारी करते हैैं। पिछले कुछ सालों में शहर के चुनिंदा स्कूलों में एडमिशन के लिए अभिभावक एड़ी-चोटी का जोर लगा देते हैं, इसलिए एक से ज्यादा स्कूलों में फॉर्म भर देते हैैं। अब स्कूल की वेबसाइट से ऑनलाइन ही फॉर्म भरे जा रहे हैं। पिछले दिनों एक कॉन्वेंट स्कूल के फॉर्म निकले हैं। इस स्कूल में नर्सरी में लगभग 200 सीटें हैं। लेकिन इसके लिए फॉर्म एक हजार जारी किए गए हैैं।

एक फॉर्म 500 रुपये का है

हर स्कूल में नर्सरी एडमिशन फॉर्म या रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन हो या ऑफलाइन उसकी कीमत 500 रुपये रखी गई है। यह रुपये बच्चे का एडमिशन ना होने पर वापस नहीं किए जाते हैं। स्कूल की वेबसाइट और फॉर्म में साफ शब्दों में लिखा होता है कि यह रजिस्ट्रेशन फीस नॉन रिफंडेबल है।

लाखों की कमाई सिर्फ फॉर्म से

200 सीटों के लिए अगर हजार फॉर्म बेचे गए हैं और एक फॉर्म की कीमत 500 रुपये है, तो इस हिसाब से सिर्फ फॉर्म बेचकर स्कूल ने पांच लाख रुपये स्कूल के खाते में जमा हो गए।

तय नहीं है मानक

एनसीईआरटी की गाइडलाइंस के अनुसार हर क्लास में एक शिक्षक पर 25 विद्यार्थियों का अनुपात होना चाहिए। लेकिन यहां उल्टा होता है। यहां एक शिक्षक 40-50 विद्यार्थियों को पढ़ाता है। सीमित सीटों का हवाला देते हुए स्कूल बच्चे का इंटरव्यू भी लेते हैं, जो सरकारी आदेशों के खिलाफ है।  


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