दुर्लभ है मानव देह
फतेहाबाद: मनुष्य जन्म अति दुर्लभ है। मनुष्य जन्म ही ऐसा है, जिसमें हम भगवान को पा सकते हैं। यह मनुष्य देह अत्यंत दुर्लभ और क्षण भंगुर है। मनुष्य शरीर के समान सर्वश्रेष्ठ शरीर कोई नहीं है। मनुष्य एक ऐसा जीव है, जिसने सब पर अपना कंट्रोल कर रखा है।
उक्त उद्गार स्वामी चिन्मयानंद जी महाराज द्वारा बाह फतेहाबाद मार्ग पर लक्ष्मी नारायन उदासीन आश्रम में प्रवचन देते हुए व्यक्त किये।
स्वामी चिन्मयानंद जी महाराज ने कहा कि भगवान को हम ईश्वर, अल्लाह, वाहे गुरू सहित अनेक नाम से जानते हैं। जितने भी जीव हैं सब भगवान के पुत्र हैं। गरुण पुराण कहता है कि मनुष्य के अतिरिक्त अन्य कोई योनि वाला जीव भगवान को नहीं जान सकता है। इसी मानव देह को पाकर ईश्वर को नहीं जान पाये तो यह सबसे भूल होगी। यह मत समझना कि मृत्यु के पश्चात तुम्हें पुन: मनुष्य शरीर मिल जायेगा। यदि भगवान को नहीं जान पाओगे तो पुन: 84 लाख योनियों में भटकना पड़ेगा। इसलिए हे मानव उठो, जागो अब जल्द से जल्द किसी तत्व दर्शी की शरण में जाओ तुम्हारा कल्याण हो सकता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य में इतनी ताकत है कि वह देवताओं को भी अपना गुलाम बना सकता है। इसका उदाहरण लंका पति रावण है भगवान ने स्वयं कहा कि वह भक्त की भक्ति के वशीभूत होकर उसकी एक आवाज पर दौड़े चले आते हैं। इसलिए हमें अपनी शक्ति को पहचान कर भगवान की भक्ति में लग जाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि मनुष्य की शरीर की रचना शाकाहारी पशुओं की रचना समान है लेकिन मांसाहारी पशुओं की शरीर रचना मनुष्य की शरीर रचना से भिन्न है। हमें शरीर स्वस्थ रखना है तो नियमित सात्विक भोजन करना होगा।
फोटो- बाह फतेहाबाद मार्ग पर लक्ष्मी नारायण उदासीन आश्रम पर यज्ञशाला में आहुति देते हुए
स्वामी चिन्मयानंद महाराज प्रवचन देते हुए
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