Move to Jagran APP

ताज के दीदार को दीवाने तो फिर भी उमड़ेगे

संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने ताज मे भीड़ नियंत्रण को प्रवेश शुल्क मे वृद्धि का फार्मूला निकाला है।

By Edited By: Published: Tue, 13 Feb 2018 12:48 AM (IST)Updated: Tue, 13 Feb 2018 04:15 PM (IST)
ताज के दीदार को दीवाने तो फिर भी उमड़ेगे
ताज के दीदार को दीवाने तो फिर भी उमड़ेगे
जागरण संवाददाता, आगरा: संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने ताज मे भीड़ नियंत्रण को प्रवेश शुल्क मे वृद्धि का फार्मूला निकाला है। मुख्य मकबरे पर भीड़ के दबाव को कम करने के लिए भारतीय पर्यटको के लिए 200 रुपये का टिकट एक अप्रैल से लागू करने की तैयारी है। पर्यटन उद्यमी इसकी मुखालफत कर रहे है। उनका कहना है कि प्रवेश शुल्क मे वृद्धि से ताज पर भीड़ का प्रबंधन नही हो सकता। पूर्व मे टिकट वृद्धि के बावजूद ताज के दीवानो की संख्या निरंतर बढ़ी ही है। भीड़ प्रबंधन के लिए कै¨रग कैपेसिटी (स्मारक की धारण क्षमता) लागू की जानी चाहिए। केद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा रविवार शाम आगरा आए थे। सर्किट हाउस मे बैठक कर केद्रीय राज्य मंत्री ने दिल्ली व आगरा सर्किल के स्मारको मे एक अप्रैल से बढ़ा हुआ प्रवेश शुल्क लागू होने, ताज मे मुख्य मकबरे मे प्रवेश को भारतीयो के लिए 200 रुपये का टिकट लागू किए जाने की बात कही थी। स्मारको के प्रवेश शुल्क मे वृद्धि व मुख्य मकबरे मे प्रवेश को भारतीयो के लिए 200 रुपये का टिकट किए जाने पर पर्यटन संस्थाओ ने विरोध जताया है। दरअसल, प्रवेश शुल्क बढ़ाने के लिए तो एएसआइ 21 दिसंबर को अधिसूचना कर आपलिायां मांग चुका है, लेकिन 200 रुपये के टिकट के लिए ऐसा कुछ नही किया गया है। इसे एकतरफा फैसला माना जा रहा है। पर्यटन उद्यमियो की माने तो पूर्व मे भी स्मारक के प्रवेश शुल्क को बढ़ाया गया है, लेकिन पर्यटको की संख्या मे कमी आने के बजाए बढ़ी ही है। अप्रैल, 2016 मे भारतीयो का प्रवेश शुल्क 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये और विदेशियो का 750 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये किया गया था। ताज की टिकट विंडो के आंकड़ो के अनुसार वर्ष 2015 मे जहां 6.39 लाख विदेशी आए थे, वही 2016 मे उनकी संख्या बढ़कर 6.66 लाख हो गई थी। वर्ष 2017 मे तो यह आंकड़ा बढ़कर 8.57 लाख पर पहुंच गया। वही, भारतीयो की बात करे तो वर्ष 2015 मे 58.42 लाख, 2016 मे 55.47 लाख और 2017 मे 56.04 लाख पर्यटक ताज देखने आए। इससे स्पष्ट है कि टिकट की मूल्य वृद्धि भी पर्यटको की भीड़ को कम नही कर सकती। सैकड़ो किमी की दूरी तय कर आगरा आने वाले भारतीय भीड़ होने पर 1000 रुपये का हाई वैल्यू टिकट तक खरीद लेते है तो 200 रुपये का टिकट कुछ भी नही है। टॉक संस्कृति मंत्री को कोई निर्णय लेने से पहले पर्यटन उद्यमियो के साथ बैठक करनी चाहिए थी। बैठक मे ऐसे लोग रहे, जिनका पर्यटन से कोई लेना-देना नही है। हम दिल्ली जाकर उनसे मुलाकात करेगे और अपने सुझाव रखेगे। प्रवेश शुल्क मे वृद्धि से ताज पर भीड़ का दबाव कम नही होगा। -राजीव तिवारी, पर्यटन उद्यमी प्रवेश शुल्क मे वृद्धि कर पर्यटको की संख्या को सीमित किए जाने का निर्णय किस आधार पर लिया जा सकता है। टिकट के दाम जब भी बढ़े है, पर्यटको की संख्या बढ़ी है। ताज के संरक्षण को कै¨रग कैपेसिटी तय करनी चाहिए। स्मारक व पर्यटको का दोहन नही होना चाहिए। -राकेश चौहान, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेट एसोसिएशन एएसआइ पर्यटको को दूध देने वाली गाय समझ रहा है। लगातार प्रवेश शुल्क मे वृद्धि तो की जा रही है, लेकिन सुविधाएं देने की बात नही की जा रही है। संगठन प्रवेश शुल्क मे वृद्धि का विरोध करता है। इस पर पहले ही आपलिा जताई जा चुकी है। -राजीव सक्सेना, सचिव टूरिज्म गिल्ड ज्ञापन से आगे नही बढ़ पाती पर्यटन संस्थाएं ताजनगरी के पर्यटन उद्योग की निरंतर उपेक्षा की जा रही है। अब ताज के दीदार को महंगा करने की तैयारी है। दक्षिणी गेट से सैलानियो का प्रवेश बंद किया जाएगा। मगर पर्यटन संस्थाएं और उनके प्रतिनिधि ज्ञापन सौपने और मुलाकात करने से आगे नही बढ़ पा रहे है। टूरिज्म गिल्ड ने जताई है आपलिा टूरिज्म गिल्ड ने प्रवेश शुल्क बढ़ाने को गलत बताया है। आगरा मे एडीए द्वारा वसूले जाने वाले पथकर की वजह से देश भर मे सबसे अधिक प्रवेश शुल्क पर्यटको को देना होता है। संगठन ने एएसआइ व पर्यटन विभाग से पर्यटको को आकर्षित करने पर ध्यान दिए जाने की मांग की है। पिछले 25 वर्षो मे पर्यटन उद्योग के लिए सबसे अधिक संकट का समय बताते हुए गिल्ड ने अक्टूबर से प्रवेश शुल्क बढ़ाने की मांग की है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.