बारिश को तरसती जुलाई
जागरण संवाददाता, आगरा: दो जुलाई को मानसून की दस्तक के बाद ताजनगरी बारिश को तरस रही है। पहले दिन 62 ए
जागरण संवाददाता, आगरा: दो जुलाई को मानसून की दस्तक के बाद ताजनगरी बारिश को तरस रही है। पहले दिन 62 एमएम बारिश होने के बाद अब तक केवल 75 एमएम बारिश हुई। इसकी वजह लोकल फॉरमेशन गड़बड़ाना है। मौसम वैज्ञानिक जुलाई के अंत में अच्छी बारिश की संभावना जता रहे हैं।
ताजनगरी में पिछले वर्ष 778 एमएम बारिश हुई थी। अधिकतर बारिश जुलाई में ही हुई थी। कृषि के लिए वर्ष में 655 एमएम बारिश होनी चाहिए। ताजनगरी में मानसून ने दो जुलाई को दस्तक दी थी। पहले दिन 62 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। दूसरे दिन 11.4 एमएम बारिश हुई। इसके बाद तो सूखा सा पड़ गया। ताजनगरी के आसपास अन्य शहरों में तो बारिश हो रही है, लेकिन यहां से बादल रूठे हैं। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. जेपी गुप्ता बताते हैं कि इस स्थिति के लिए पश्चिमी विक्षोभ जिम्मेदार है। उसके चलते लोकल फॉरमेशन बिगड़ गया। छोटे-छोटे बादल यहां से बिना बरसे चले जा रहे हैं। दो दिन बाद अच्छी बारिश के आसार हैं। इस बार अगस्त में भी ठीकठाक बारिश होगी।
फसल की बढ़ जाती है लागत
एक अनुमान के मुताबिक बारिश कम होने पर एक हेक्टेयर खेती में सिंचाई पर तीन से चार हजार रुपये का अतिरिक्त खर्चा आता है। इससे फसल की लागत बढ़ जाती है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. पवन सिसौदिया बताते हैं कि बारिश कम होने पर सर्दी भी कम पड़ेगी। अधिक बारिश होने पर नमी बनी रहती है, जिससे सर्दी अधिक पड़ती है।
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जुलाई में हुई बारिश
तहसील, 2016, 2015, 2014, 2013, 2012
सदर, 111, 60, 81, 258, 435
बाह, 28, 45, 40, 56, 162, 184
एत्मादपुर, 128, 17, 38, 266, 85
खेरागढ़, 140.5, 76, 40, 143, 296
किरावली, 296, 66, 30, 232, 108
फतेहाबाद, 254, 27, 35, 100, 110
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कब कितनी हुई बारिश
वर्ष, एमएम
2000, 308.23
2001, 429
2002, 552
2003, 502
2004, 338.92
2005, 436.12
2006, 242.04
2007, 270.60
2008, 454.85
2009, 233.35
2010, 426.19
2011, 383.59
2012, 638.57
2013, 772.54
2014, 304.51
2015, 216
2016, 778
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