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खुद का किया प्रचार, बदहाल हैं पार्क

जागरण संवाददाता, आगरा : - भगवान टाकीज चौराहा। ओवरब्रिज के नीचे स्थित चौराहा सुंदरीकरण के लिए डेढ़

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 01:33 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 01:33 AM (IST)
खुद का किया प्रचार, बदहाल हैं पार्क
खुद का किया प्रचार, बदहाल हैं पार्क

जागरण संवाददाता, आगरा :

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- भगवान टाकीज चौराहा। ओवरब्रिज के नीचे स्थित चौराहा सुंदरीकरण के लिए डेढ़ साल पूर्व प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल को दिया गया था। शर्त थी, चौराहे के सुंदरीकरण के साथ ही इसकी मरम्मत का भी ध्यान रखा जाएगा। इसके बदले स्कूल प्रशासन द्वारा खुद का प्रचार किया जा सकता है। हकीकत इसके उलट है। चौराहे का सुंदरीकरण नहीं कराया गया।

- एमजी रोड स्थित भारत माता पार्क।

डेढ़ साल पूर्व इनके रख रखाव की जिम्मेदारी भारत विकास परिषद विक्रमादित्य शाखा को दी गई थी। पार्क कीदेखभाल के लिए कुछ खास नहीं किया गया। हर सप्ताह होने वाले कार्यक्रम के चलते पार्क गंदा पड़ा हुआ है। रेलिंग पर जगह-जगह संस्था के बोर्ड लगे हुए हैं।

एमजी रोड के चौराहों के पार्क के यह तो दो ही उदाहरण हैं। शहर में दर्जनभर के करीब पार्क ऐसे हैं। जहां संस्थाओं ने खुद का प्रचार किया और पार्को के सुंदरीकरण के लिए कोई काम नहीं किया। शहर में हर दिन बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। जिला प्रशासन की मंशा है कि हर चौराहे व पार्क की अच्छी तरीके से देखभाल हो। उसके आसपास गंदगी न हो। इसी के चलते डेढ़ साल पूर्व तत्कालीन डीएम पंकज कुमार ने दर्जनभर के करीब चौराहों को गोद लेने का प्रस्ताव दिया था। इसके लिए कलक्ट्रेट में बैठक हुई थी और फिर जो प्रस्ताव आए थे, उसी आधार पर इनका आवंटन कर दिया गया। चौराहे गोद लेने के बाद एक बार भी जिला प्रशासन या फिर नगर निगम ने जांच नहीं कराई। पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान ने बताया कि संस्थाओं द्वारा खुद का प्रचार किया गया है, जबकि सुंदरता के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ऐसे चौराहों की सूची तैयार हो रही है।

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गोद लीजिए 14 चौराहे

- डीएम कार्यालय में चार दिन में देना होगा प्रस्ताव

आगरा : शहर के 14 चौराहों को एक बार फिर जिला प्रशासन गोद देने जा रहा है। डीएम गौरव दयाल ने बताया कि पहले चरण में 14 चौराहे शामिल किए गए हैं। चौराहों के रख रखाव और सुंदरीकरण की जिम्मेदारी दी जाएगी। व्यावसायिक प्रयोग पर प्रतिबंध रहेगा। कोई भी संस्था या संस्थान चार दिनों के भीतर उनके कार्यालय में प्रस्ताव दे सकता है। बशर्ते प्रस्ताव को आर्किटेक्ट द्वारा तैयार किया गया हो।

यह हैं चौराहे

- झलकारी बाई चौराहा

- साई का तकिया चौराहा

- नालबंद चौराहा

- हरीपर्वत

- दीवानी चौराहा

- गुरु का ताल

- वाटरव‌र्क्स

- अवंतीबाई

- धाकरान

- सेंट जोंस

- सूरसदन

- खंदारी

- सुल्तानगंज की पुलिया

- पुरानी मंडी


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