मानसून न निगल जाए हरियाली
जागरण संवाददाता, आगरा: मानसून के कमजोर पड़ने से ताजनगरी में हरियाली पर संकट के बादल घिर आए हैं। वन एव
जागरण संवाददाता, आगरा: मानसून के कमजोर पड़ने से ताजनगरी में हरियाली पर संकट के बादल घिर आए हैं। वन एवं वन्य जीव विभाग बीज बुवाई कर चुका है और पानी नहीं पड़ने पर लक्ष्य प्रभावित हो सकता है। इससे पौधरोपण पर भी प्रभाव पड़ रहा है। विभाग सिंचाई के पर्याप्त संसाधनों के अभाव में वैसे भी मानसून पर निर्भर रहता है।
वन एवं वन्य जीव विभाग ने इस साल 11.82 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य तय किया था। इनमें से 10 लाख पौधे बीज बुवाई से ओर 1.82 लाख पौधे पौध से लगाए जाने थे। विभाग ने मानसून को देखते हुए 20 जून से बीज बुवाई की शुरुआत कर दी थी। जिले में बाह, पिनाहट, फतेहाबाद, खेरागढ़ और सदर के बाईपुर स्थित वन क्षेत्र समेत 108 स्थल इसके लिए तय किए गए थे। दो जुलाई को जिले में मानसून के दस्तक देने के साथ विभाग ने पौधरोपण की शुरुआत कर दी थी। दो जुलाई को 62 एमएम और तीन जुलाई को 11.4 एमएम बारिश हुई। इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के चलते मानसून कमजोर पड़ने से ताजनगरी बारिश को तरस गई है। इससे बीज बुवाई व पौधरोपण पर पड़ने वाले प्रभाव की चिंता विभाग को सताने लगी है। बारिश नहीं होने पर अब तक की गई मेहनत खराब हो सकती है, जिसके चलते वार्षिक लक्ष्य को पाने में भी दिक्कत होगी।
प्रभारी प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी (डीएफओ) मनीष मित्तल बताते हैं कि इस बार बारिश नहीं हुई है। पौधरोपण व बीज बुवाई के लिए यह स्थिति चिंताजनक है। सिंचाई को वैकल्पिक उपाय किए जाएंगे।
कम से कम आठ सिंचाई की आवश्यकता
वन एवं वन्य जीव विभाग द्वारा किए जाने वाले पौधरोपण व बीज बुवाई में विभागीय विशेषज्ञों के मुताबिक कम से कम आठ सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसके लिए विभाग को मजदूरी व सिंचाई के लिए प्रत्येक पौधे के लिए 60 पैसे ही मिलते हैं।