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धर्म स्थलों पर बिजली की खपत का रखा जाएगा हिसाब

जागरण संवाददाता, आगरा: विद्युत विभाग अब धार्मिक स्थलों पर बिजली की खपत का भी हिसाब रखेगा। जिन धर्म स

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 01:00 AM (IST)
धर्म स्थलों पर बिजली की खपत का रखा जाएगा हिसाब
धर्म स्थलों पर बिजली की खपत का रखा जाएगा हिसाब

जागरण संवाददाता, आगरा: विद्युत विभाग अब धार्मिक स्थलों पर बिजली की खपत का भी हिसाब रखेगा। जिन धर्म स्थलों में जरूरत से ज्यादा खपत होगी उनकी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा जहां लोगों के ठहरने की व्यवस्था है वहां से बिल भी वसूला जाएगा।

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अभी तक धार्मिक स्थलों में बिना मीटर के बिजली जल रही थी। विद्युत विभाग को आशंका है कि धर्म स्थल की आड़ में बिजली का दुरुपयोग हो रहा है। कई धर्म स्थल ऐसे हैं जहां पर दुकानें भी हैं, इन दुकानों पर भी धर्मस्थल की आड़ में ही बिजली जलाई जा रही है। धर्म स्थलों पर बिजली की कितनी खपत होती है इसका कोई हिसाब-किताब नहीं है। अब इन धर्म स्थलों पर बिजली के मीटर लगाए जा रहे हैं। इससे धार्मिक स्थलों में हो रही बिजली खपत का पता चल सकेगा, हालांकि यहां से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा।

टोरंट ने शहर के धार्मिक स्थलों में मीटर लगाना शुरू कर दिया है। इसे लेकर विरोध न हो, इसके लिए पॉश कॉलोनी के धार्मिक स्थलों से मीटर लगाने का काम शुरू किया गया है। इसके बाद बस्तियों में बने धार्मिक स्थलों में मीटर लगाए जाएंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) के मीटर से ही बिजली जलाने के आदेश का हवाला दिया जा रहा है। टोरंट के पीआरओ का कहना है कि नियमानुसार धार्मिक स्थलों पर मीटर लगाए जा रहे हैं। इसके बाद चोरी से बिजली जलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

बिजली खपत का चल सकेगा पता

टोरंट द्वारा धार्मिक स्थलों पर बिजली के मीटर लगाकर खपत का आकलन किया जाएगा। इससे यह देखा जाएगा कि धार्मिक स्थलों की आड़ में बिजली चोरी तो नहीं हो रही है। ऐसे धार्मिक स्थल जहां लोगों के ठहरने की भी व्यवस्था है, उन जगह से बिजली बिल वसूला जाएगा। साथ ही जिन धार्मिक स्थलों में ज्यादा बिजली की खपत होगी, उनकी जांच कराई जाएगी।

बिजली की एक-एक यूनिट का हिसाब

शहरी क्षेत्र में फड़ लगाने वालों से लेकर धार्मिक स्थलों पर मीटर लग रहे हैं। इसके बाद एक-एक यूनिट का हिसाब रहेगा, इससे वास्तविक बिजली की खपत का भी आकलन किया जा सकेगा। इसके आधार पर ही बिजली की आपूर्ति होगी, भविष्य में बिजली की मांग को देखते हुए नए सब स्टेशन बनाए जाएंगे।


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