दान का खून बना कमाई का जरिया
जागरण संवाददाता, आगरा: दान के खून को चंद ब्लड बैंक ने कमाई का जरिया बना लिया है। जरूरतमंद मरीजों को
जागरण संवाददाता, आगरा: दान के खून को चंद ब्लड बैंक ने कमाई का जरिया बना लिया है। जरूरतमंद मरीजों को तो खून नहीं मिल पा रहा है, लेकिन बडे़ लोग इसे दाम देकर आसानी से खरीद रहे हैं। औषधि विभाग ने ऐसे ब्लड बैंक पर शिकंजा कसा है। उनसे दान के खून का ब्योरा मांगा है। यह खून किसे, कितने में दिया यह भी बताना होगा।
जिले में 18 ब्लड बैंक हैं। एसएन और जिला अस्पताल में सरकारी ब्लड बैंक हैं। सभी स्वैच्छिक रक्तदान के लिए शिविर लगाकर रक्त एकत्रित करते हैं। यह खून उन मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है जिनके पास रक्तदाता नहीं हैं। कुछ ही ब्लड बैंक इस दायित्व को निभा रहे हैं। अधिकांश में तीमारदार को इन्कार कर दिया जाता है जबकि तीन से पांच हजार रुपये में बेच दिया जाता है। जनपद में हर दिन 12 से 15 हजार यूनिट खून की सप्लाई होती है।
बाहर नहीं लगा सकते कैंप: निजी ब्लड बैंक अपने परिसर में ही स्वैच्छिक रक्तदान के लिए शिविर लगा सकते हैं। बाहर सरकारी ब्लड बैंकों को ही शिविर लगाने की अनुमति है।
ब्लड एक्सचेंज का चार्ज 950 रुपये है। इसमें ज्यादा रुपये लिए जा रहे हैं। सभी ब्लड बैंक से रक्तदान, सप्लाई और मरीजों का ब्योरा मांगा है। जिससे फोन कर सत्यता परखी जा सके।
-पीके मोदी, सहायक औषधि आयुक्त