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पक्के मकान वालों को बांटे जा रहे प्रधानमंत्री आवास

- गांव नौनी के प्रधानपति पर आवास के एवज में 25 हजार मांगने का आरोप - प्रधान और एडीओ ने योजना को बन

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 01:00 AM (IST)
पक्के मकान वालों को बांटे जा रहे प्रधानमंत्री आवास
पक्के मकान वालों को बांटे जा रहे प्रधानमंत्री आवास

- गांव नौनी के प्रधानपति पर आवास के एवज में 25 हजार मांगने का आरोप

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- प्रधान और एडीओ ने योजना को बनाया कमाई का जरिया

जागरण संवाददाता, आगरा : प्रधानमंत्री आवास योजना धरातल पर उतरते ही प्रधान और एडीओ के शिकंजे में फंस गई। कच्चे मकान और झोंपड़ी में रहने वालों को दरकिनार कर पक्के मकान वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पहुंचाने का खेल शुरू हो गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना में शुरू हुए खेल का ताजा मामला शनिवार को विकास भवन पहुंचा। जगनेर ब्लॉक के गांव नौनी से आई महिलाओं ने आवास की एवज में प्रधान के पति पर पच्चीस हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया है। विमला, सरोज, इमरती, शंकुतला और लक्ष्मी ने बताया कि 2011 में हुई आर्थिक जन गणना के दौरान गांव में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग पक्के मकानों के बिना पाए गए थे। उनके पास तो आजतक पक्के मकान भी नहीं हैं, वे कच्चे मकान- झोंपड़ी में रहती हैं।

महिलाओं का आरोप था कि प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बांटने की जानकारी के बाद प्रधान और एडीओ ने सूची को दोबारा से बना दिया है। पहली सूची में शामिल तमाम पात्र लोगों को साफ करके पक्के मकान और खेत वालों को धन लेकर शामिल किया गया है। महिलाओं का कहना था कि ग्राम विकास अधिकारी बृजराज सिंह ही अपात्रों को योजना का लाभ पहुंचाने के पीछे हैं, वे दस साल से ज्यादा समय से इसी ब्लॉक में तैनात हैं।

महिलाओं का आरोप था कि पक्के मकान वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान मिलने की जानकारी आवास के लिए प्रथम किस्त की धनराशि जारी करने के बाद हुई। ऐसे अपात्रों में हबीव खां, समीना, मीना, मदीना, जन्नत, अल्लाउद्दीन का पुत्र, शबाना, रेशो, शहीदन, बृजकिशोर, मुन्नी शामिल हैं। इनके पास खेत और पक्के मकान हैं।

प्रधानपति ने मांगे 25 हजार

प्रधानमंत्री आवास योजना में धन के लेन-देन की विकास भवन में शिकायत करने आई महिलाओं का आरोप था कि 15-20 दिन पहले प्रधानपति उनके पास आए थे, आवास दिलवाने की एवज में पच्चीस हजार रुपये की मांग की। उन्होंने गरीबी का हवाला देकर रुपये देने से मनाकर दिया। वंचित महिलाओं का कहना था कि भड़बूजा और नाई समाज के अति गरीबों की योजना में अनदेखी की गई है।

डीएम ने दिए जांच के आदेश

महिलाओं की शिकायत पर डीएम गौर दयाल ने मामले में जांच के लिए सीडीओ को निर्देश दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी नगेंद्र प्रताप का कहना था कि आवास योजना में धन लेकर अपात्रों को मकान देने की शिकायत आने पर वह गंभीरता से जांच कराएंगे। पात्रों को वंचित नहीं किया जाएगा।


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