आगरा--एक्सप्रेस वे की जमीन में खूब खाई मलाई
जागरण संवाददाता, आगरा : लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे की जमीन खरीद में आगरा में जमकर घोटाला हुआ। फतेहाबाद क
जागरण संवाददाता, आगरा : लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे की जमीन खरीद में आगरा में जमकर घोटाला हुआ। फतेहाबाद के सात गांवों की जमीन को तय रेट से अधिक पर खरीदा है। इससे सरकारी खजाने को साढ़े तीन करोड़ रुपये की चपत लगी। जांच में कई अधिकारी फंसेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेस वे की जमीन खरीद की जांच के आदेश दिए हैं। जिले में सदर व फतेहाबाद तहसील के 45 गांवों की 345 हेक्टेयर खरीदी गई थी। वर्ष 2014 में प्रस्ताव तैयार हुआ था। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी (यूपीडा) को भेजे गए रेट से अधिक पर जिला प्रशासन ने जमीन की खरीद की। यूपीडा ने आपत्ति दर्ज कराई है और डीएम से इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। बता दें कि जमीन खरीद के दौरान डीएम पंकज कुमार थे।
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यहां महंगे रेट पर खरीदी गई जमीन
मुटावली :
गाटा संख्या : 62, 63, 79, 80/2, 84, 85/1।
राजस्व नुकसान : 1.37 करोड़ रुपये।
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- उझावली :
गाटा संख्या : 194, 250, 253।
राजस्व नुकसान : 3.56 लाख रुपये
- स्वारा :
गाटा संख्या : 308, 476/1, 477/1, 486, 1031, 1032, 1033, 1037, 1052
राजस्व नुकसान, 54 लाख रुपये
- मेवलीकलां :
गाटा संख्या : 754, 858, 760, 762, 857, 861, 862, 866, 916, 953।
राजस्व नुकसान, 85.91 लाख रुपये
- मेवली खुर्द :
राजस्व नुकसान, 16.33 लाख रुपये
- बाबरपुर :
राजस्व नुकसान, 53 लाख रुपये
- भरापुरा :
राजस्व नुकसान, 1.58 लाख रुपये
325 करोड़ रुपये का बंटा मुआवजा
आगरा : लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे में 325 करोड़ रुपये का मुआवजा बंटा है। इससे 345 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई। किसानों को जमीन की सर्किल रेट से चार गुनी कीमत दी गई।