तस्करी में मददगार बना रोडवेज
जागरण संवाददाता, आगरा: रोडवेज बसें तस्करी का माध्यम बनकर रह गई हैं। इनके माध्यम से शातिर और व्यापारी
जागरण संवाददाता, आगरा: रोडवेज बसें तस्करी का माध्यम बनकर रह गई हैं। इनके माध्यम से शातिर और व्यापारी दोनों अपना माल ढो रहे हैं। बिना किसी जानकारी के ड्राइवर माल रख लेते हैं, जिसमें कोई विस्फोटक सामग्री भी हो सकती है। इस काली कमाई से राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।
चालक, परिचालकों की मिलीभगत और अधिकारियों की शह से रोडवेज बसों में सामान की तस्करी हो रही है। वोल्वो की डिक्की में बिना बुक किए सामान ले जाने की पोल जागरण पहले ही खोल चुका है। वहीं मंगलवार को दिल्ली जा रही रोडवेज की साधारण बस में तीन बोरे पायल पुलिस ने पकड़ी थी, जिसके बाद हड़बड़ी मच गई थी। वोल्वो और एसी बसें इन दिनों सामान तस्करी के लिए सबसे मुफीद बनी हुई हैं। इनकी बड़ी-बड़ी डिक्की में चालक, परिचालक कुंतलों सामान भर लेते हैं। बड़े-बड़े बॉक्स और बोरों में खुद परिचालक को भी नहीं पता होता है कि क्या भरा है। अगर ऐसे में कोई शातिर विस्फोटक या अवैध सामान लाद देगा तो किसी को पता भी नहीं चलेगा। वहीं साधारण बसों में छत और बस के अंदर भी कुंतलों सामान भरा होता है। परिचालक बिना बुक सामान सुविधा शुल्क लेकर ले जाते हैं। दूसरे जिलों और राज्यों तक इन बसों से तस्करी का माल पहुंचाया जा रहा है। चेकिंग पर विभाग की टीम रहती हैं, लेकिन चंद मामले ही पकड़ में आते हैं। एआरएम मोहनलाल ने बताया कि रोडवेज बसों में सामान भेजने के लिए एजेंसी नियुक्त है। उससे सामान बुक करने के बाद ही बस में भेजा जाता है। छोटा सामान परिचालक भी बुक कर सकता है।