नगर निकायों में रोजगार के रास्ते खोलेगी सरकार
जागरण संवाददाता, आगरा: अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे सूबे की नगर निकायों को जल्द ही अच
जागरण संवाददाता, आगरा: अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे सूबे की नगर निकायों को जल्द ही अच्छी खबर मिल सकती है। सरकार नगरीय सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिए निकायों की जनशक्ति बढ़ाने पर विचार कर रही है। मंगलवार को शासन ने निकायों में तैनात कर्मचारियों और खाली पदों का ब्यौरा तलब कर लिया। 30 अप्रैल को लखनऊ में आयोजित बैठक में इस समस्या को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है।
प्रदेश की सभी नगर निकाय लिपिकीय और सफाई कर्मचारियों की भारी कमी का सामना कर रही हैं। बढ़ती जिम्मेदारियों के बावजूद कर्मचारियों की संख्या साल दर साल कम हो रही है। इससे न केवल कार्यालय का कार्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि साफ सफाई भी ठीक प्रकार से नहीं हो पा रही है। नई सरकार ने काम संभालते ही नगर निकायों को जनशक्ति से भरपूर करने की कवायद शुरू कर दी है। मंगलवार को प्रमुख सचिव नगर निकाय का फैक्स नगर निगम को प्राप्त हुआ, जिसमें निगम में तैनात स्थायी, संविदा और आउट सोर्सिग पर रखे कर्मचारियों की संख्या मांगी गई है। निगम में कितने पद सृजित हैं, उसका भी ब्यौरा देने को कहा गया है।
प्रमुख सचिव के पत्र में कहा गया है कि मुख्य सचिव के आदेश से 30 अप्रैल को एक बैठक लखनऊ में आयोजित की गई है, जिसमें नगर आयुक्त को बुलाया गया है। माना जा रहा है कि इस बैठक में निकायों में भर्ती की राह खुल सकती है।
हाल-ए-नगर निगम
पद सृजित उपलब्धता
नगर आयुक्त,1,1
अपर नगर आयुक्त,2,0
उप नगर आयुक्त,3,0
मुख्य अभियंता,2,2
अधिशासी अभियंता,6,5
सहायक अभियंता,6,5
अवर अभियंता,15,14
लिपिक,80,20
सफाई कर्मचारी,1800,882
आउट सोर्सिग से भरे पद
लिपिक संवर्ग में खाली पदों को आउट सोर्सिग के जरिए भरा गया है। सफाई कर्मचारियों में भले ही 1800 पद सृजित हों, लेकिन जनसंख्या के हिसाब से करीब 5 हजार सफाई कर्मचारियों की आवश्यकता है। इसके सापेक्ष 1090 संविदा सफाई कर्मचारी तैनात हैं, जबकि करीब 3 हजार सफाई कर्मचारी आउट सोर्सिग से लगे हुए हैं।
शासन से पदों का ब्यौरा मांगा गया था। पूरी जानकारी भेज दी गई है। शासन की मंशा क्या है, इसकी जानकारी नहीं है।
हरीराम गुप्ता, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी