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कीठम झील में मछलियों ने तोड़ा दम

जेएनएन, आगरा: सूर सरोवर पक्षी विहार स्थित कीठम झील में मंगलवार को बड़ी संख्या में मछलियों ने दम तोड़ द

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 09:06 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 09:06 PM (IST)
कीठम झील में मछलियों ने तोड़ा दम
कीठम झील में मछलियों ने तोड़ा दम

जेएनएन, आगरा: सूर सरोवर पक्षी विहार स्थित कीठम झील में मंगलवार को बड़ी संख्या में मछलियों ने दम तोड़ दिया। उनके मरने की वजह पानी प्रदूषित होने पर उसमें ऑक्सीजन की कमी होना हो सकता है। वन विभाग ने पानी और मछली का सैंपल जांच को भेजा है।

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मंगलवार सुबह पर्यटकों ने कीठम झील में मरी हुई मछलियां देखीं और वन विभाग को इसकी जानकारी दी। दोपहर होते-होते झील में मृत मछलियों की संख्या बढ़ी तो विभाग में हलचल शुरू हुई। डीएफओ अनिल पटेल कीठम पहुंचे। उन्होंने झील के पानी व मछली के सैंपल जांच को भिजवाने की व्यवस्था की।

डीएफओ अनिल पटेल ने बताया कि उन्होंने जांच के लिए मछली और पानी के सैंपल लिए हैं। मृत मछली को जांच के लिए बरेली स्थित इंडियन वेटरिनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट भेजा गया है।

डूब गए थे आइलैंड

वन विभाग की मानें तो कीठम झील में गर्मी के लिए पानी का भंडारण किया जा रहा था। जरूरत से ज्यादा पानी जब झील में छोड़ा गया तो यहां के आइलैंड डूब गए। इससे सूर सरोवर पक्षी विहार में वन्य जीवों के लिए खतरा बढ़ रहा था। वन विभाग ने इस पर आपत्ति जताते हुए झील से पानी छोड़ने को कहा था। इसके बाद सोमवार रात झील से पानी छोड़ा गया और मंगलवार सुबह मछलियों के मरने का मामला सामने आया।

यूपीपीसीबी को भेजा गया पानी का सैंपल

वन विभाग ने कीठम झील के पानी का सैंपल लेकर उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के क्षेत्रीय कार्यालय को जांच के लिए भेजा है। इसकी टेस्टिंग में तीन से चार दिन का समय लगेगा। इसके बाद ही पानी के प्रदूषित होने की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

यमुना से पहुंची मछलियां

वन विभाग की मानें तो यमुना से होकर मछलियां झील में पहुंची हैं। इसकी वजह उनका नदी की धारा के विपरीत बहना है।

झील में कराया गया चूने का छिड़काव

झील में मछलियों के बड़ी संख्या में मरने के बाद वन विभाग ने मंगलवार को झील में चूने का छिड़काव कराया, जिससे कि पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ सके और मरी हुई मछलियों से अन्य मछलियों में संक्रमण नहीं फैले। मृत मछलियों को झील से निकलवाया जा रहा है, जिससे कि दुर्गध फैलने पर सैलानियों को परेशानी नहीं हो।


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