परचून की दुकान चलाने वाले का बेटा गेट में अव्वल
जागरण संवाददाता, आगरा: इंसान में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो पारिवारिक पृष्ठभूमि कोई मायने नहीं रखत
जागरण संवाददाता, आगरा: इंसान में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो पारिवारिक पृष्ठभूमि कोई मायने नहीं रखती। ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनिय¨रग (गेट) की परीक्षा में अव्वल आकर अनुज गुप्ता ने यह साबित कर दिया है। टेक्सटाइल इंजीनिय¨रग एंड फाइबर साइंस ब्रांच में अनुज ने ऑलओवर इंडिया में पहली रैंक हासिल की है। अनुज के पिता दयालबाग, नीलकंठ कॉलोनी में परचून की दुकान चलाते हैं।
आइआइटी समेत देश के सभी नामचीन तकनीकी संस्थानों में एमटेक में प्रवेश के लिए आयोजित गेट परीक्षा का रिजल्ट रविवार को घोषित हुआ। एमटेक की 23 ब्रांचों के लिए फरवरी में परीक्षा आयोजित की गई थी। अनुज के पिता अपने बेटे को बहुत आगे बढ़ता हुआ देखना चाहते हैं। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बावजूद उन्होंने बेटे को कानपुर यूपीटीटीआइ में पढ़ाने भेजा। अनुज के बड़े भाई की पढ़ाई के लिए रुपये उधार लिए थे। अनुज के अनुसार उनकी सफलता ने घर का हर सदस्य बहुत खुश है। पिता जी और भाई के पास बधाई देने वालों के फोन लगातार आ रहे हैं। अनुज डीआरडीओ में वैज्ञानिक बनकर नई तकनीक के हथियार विकसित करना चाहते हैं। उन्हें मुंबई आआइआइटी में सीधे प्रवेश मिल रहा है। बंगलौर आइआइटी के लिए उन्होंने एप्लाई किया है, इसमें उन्हें साक्षात्कार देना पड़ेगा। डीआरडीओ के लिए भी वह एप्लाई कर रहे हैं।
पढ़ाई के घंटे कभी नहीं गिने
पढ़ाई के बारे में पूछा जाने पर कहने लगे कि उन्होंने पढ़ाई के घंटे कभी नहीं गिने। कानपुर हॉस्टल में पढ़ाई नहीं हो पाती थी इसलिए हर दिन दोपहर में दो-तीन घंटे वह लाइब्रेरी में पढ़ते थे। शाम को दोस्तों के साथ एंजॉय करते और बैडमिंटन खेलना उन्होंने परीक्षा के समय तक जारी रखा। अनुज को क्रिकेट खेलना भी बहुत पसंद है। रात को हॉस्टल आकर वह फिर से पढ़ाई करने लग जाते। तीन-चार घंटे रात में पढ़ाई करते थे।
कभी नहीं लिया तनाव
अनुज परीक्षा की तैयारी कर रहे अपने हमउम्रों से कहना चाहते हैं कि जिंदगी में कभी भी किसी चीज के लिए तनाव मत लो। टेंशन लेकर पढ़ाई नहीं की जा सकती। खुद पर विश्वास रखो और आगे बढ़ते जाओ। अगर खुद पर विश्वास नहीं है तो आप कुछ भी नहीं कर सकते। जिंदगी अपने ढंग से चलती है। उसके साथ-साथ चलकर आगे बढ़ना सीखो। विपरीत धारा में बहने की कोशिश सिर्फ तभी करो जब आपके अंदर धारा को मोड़ने की ताकत हो।
वो तीन घंटे सिर्फ मेरे थे
अनुज ने बताया कि गेट की परीक्षा के दौरान वे पूरी तरह सहज रहे। वे तीन घंटे सिर्फ उनके थे। तीन घंटे में उन्हें खुद को साबित करना था। अनुज के अनुसार पेपर 2015 के मुकाबले कठिन था। प्रश्न घुमा-फिराकर पूछे गए थे। अनुज को उम्मीद थी कि वे अंडर 20 तक आ सकते हैं, लेकिन रैंक वन आएगी, इसका पता नहीं था।
यूपीएसईई से मिला
था सरकारी कॉलेज
अनुज ने सरस्वती विद्या मंदिर कमला नगर से बारहवीं तक पढ़ाई की। जेईई मेंस में उनकी अच्छी रैंक आई थी, लेकिन जेईई एडवांस में बढि़या रैंक न आने से सरकारी कॉलेज में प्रवेश नहीं मिला। उन्हें यूपीएसईई के माध्यम कानपुर में सरकारी कॉलेज मिला था।