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ईपीएफ संगठन आगरा को क्षेत्रीय कार्यालय का तमगा

जागरण संवाददाता, आगरा : करीब 34 साल के बाद कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) संगठन, उप क्षेत्रीय कार्यालय

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 01:00 AM (IST)
ईपीएफ संगठन आगरा को क्षेत्रीय कार्यालय का तमगा
ईपीएफ संगठन आगरा को क्षेत्रीय कार्यालय का तमगा

जागरण संवाददाता, आगरा : करीब 34 साल के बाद कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) संगठन, उप क्षेत्रीय कार्यालय आगरा का मेरठ से नाता टूट गया है। आगरा को क्षेत्रीय कार्यालय का तमगा मिल गया है। अलीगढ़ में जल्द ही जिला कार्यालय खुलने जा रहा है। इससे वहां के लोगों को आगरा आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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प्रदेश में मेरठ व कानपुर में क्षेत्रीय कार्यालय हैं। संजय प्लेस, आगरा में वर्ष 1983 में ईपीएफ संगठन का उप क्षेत्रीय कार्यालय खुला था। आगरा परिक्षेत्र में आगरा व अलीगढ़ कमिश्नरी के आठ जिले आते हैं। उप क्षेत्रीय कार्यालय होने के चलते यहां पीएफ कमिश्नर टू, दो सहायक पीएफ कमिश्नर के पद थे, लेकिन क्षेत्रीय कार्यालय का तमगा मिलने के बाद अब क्षेत्रीय आयुक्त प्रथम व द्वितीय के अलावा दो सहायक आयुक्त, 18 निरीक्षक व अन्य स्टाफ होगा। अभी निरीक्षकों की संख्या छह है। क्षेत्रीय कार्यालय के पहले क्षेत्रीय आयुक्त राकेश हैं। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि कर्मचारी जोड़ो अभियान 31 मार्च तक चलाया जा रहा है। सप्ताह भर के भीतर सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, एडीआरडीई सहित अन्य विभाग में 17 हजार कर्मचारियों को जोड़ा गया है। डिफाल्टर नियोक्ताओं पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऐसे नियोक्ता स्वेच्छा से कर्मचारियों की जानकारी दे पीएफ जमा करा रहे हैं। उन्हें कई तरीके की छूट दी जा रही है। प्रशासनिक चार्ज 0.85 के बदले 0.65 फीसद वसूला जाएगा। वहीं अलीगढ़ में खुल रहे जिला कार्यालय में एक सहायक पीएफ कमिश्नर व पूरा स्टाफ होगा।

केएल डाबर थे पहले सहायक पीएफ आयुक्त

उप क्षेत्रीय कार्यालय आगरा के पहले सहायक पीएफ आयुक्त केएल डाबर थे।

ईपीएफ में यह सुविधाएं

- माह की पहली तारीख को पेंशनर्स के खातों में पेंशन भेजी जा रही है।

- ईपीएफ संगठन जल्द ही ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा शुरू करने जा रहा है।

- पीएफ कार्यालय ने बायोमीट्रिक हाजिरी शुरू की है।

- कार्यो में पारदर्शिता लाने व सिस्टम में सुधार के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

- डिजिटल जीवित प्रमाण पत्र की सुविधा शुरू हो चुकी है। इससे पेंशनर्स को कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है।


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