पोलियो की तरह घर-घर पहुंचेगी टीबी की टीम
जागरण संवाददाता, आगरा: पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम की तर्ज पर टीबी से मुक्ति पाई जाएगी। शुक्रवार को टीब
जागरण संवाददाता, आगरा: पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम की तर्ज पर टीबी से मुक्ति पाई जाएगी। शुक्रवार को टीबी दिवस पर 2030 तक देश को टीबी मुक्त करने के लिए क्षय नियंत्रण कार्यक्रम में किए जा रहे बदलाव पर चर्चा की गई।
एसएन मेडिकल कॉलेज में आयोजित गोष्ठी में विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि पिछले दिनों शिमला में बैठक हुई थी। इसमें देश को 2030 तक टीबी मुक्त करने पर चर्चा की गई। इसके तहत एक्टिव केस फाइंडिंग के लिए अलग से टीमें बनाने का प्रस्ताव रखा गया। ये टीमें पोलियो ड्रॉप की तरह घर-घर जाकर लक्षण के आधार पर टीबी संदिग्धों की पहचान करेगी। टीबी डायग्नोज होने पर जिला क्षय रोग अधिकारी मरीज का डाट्स में पंजीकरण करेंगे। इन मरीजों को हर रोज दवा खिलाई जाएगी। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. सरोज सिंह ने कहा कि टीबी की दवाएं बीच में नहीं छोड़नी चाहिए। इससे एमडीआर टीबी के केस बढ़ रहे हैं। इस दौरान टीबी की बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। वहीं, क्षय रोग केंद्र, आगरा द्वारा रत्नमुनि जैन इंटर कॉलेज, लोहामंडी से जागरूकता रैली निकाली गई। वहीं, आइएमए भवन पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।
सरकारी अस्पताल से ज्यादा निजी क्लीनिक पर मरीज
जिले में 8500 टीबी के मरीज पंजीकृत हैं। इससे कई गुना ज्यादा मरीज निजी क्लीनिक पर इलाज करा रहे हैं। इन मरीजों को डाट्स के माध्यम से निश्शुल्क दवा देने की चुनौती है। वहीं, मल्टी ड्रग रजिस्ट्रेंट टीबी के मरीजों के लिए नई दवाएं आ रही हैं। एक नई दवा बीडाक्यूलिन बाजार में आ चुकी है, यह बहुत महंगी है।