एमफिल छात्रा बेहोश, धरने पर बैठ गए कुलपति
जागरण संवाददाता, आगरा: अंबेडकर विश्व विद्यालय के जेपी सभागार में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। एमफिल
जागरण संवाददाता, आगरा: अंबेडकर विश्व विद्यालय के जेपी सभागार में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। एमफिल से पीएचडी में सीधे प्रवेश की मांग को लेकर छात्र-छात्राएं कुलपति की गाड़ी के सामने बैठ गए। प्रदर्शन के दौरान एक एमफिल छात्रा बेहोश हो गई। उधर, कई बार समझाने के बाद भी एमफिल छात्र नहीं माने तो कुलपति भी उनके साथ धरने पर बैठ गए। मामला बढ़ने पर पुलिस ने छात्रों को धक्का देकर खंदारी परिसर से खदेड़ा।
विवि के जेपी सभागार में शिवाजी के आगरा आगमन के 350 वर्ष पूरे होने पर कांफ्रेंस चल रही थी। यहां कई अन्य विवि के विद्वान व्याख्यान देने आए थे। इसी बीच एमफिल छात्र जेपी सभागार पहुंच गए, वे छात्र संघ अध्यक्ष गौरव शर्मा के नेतृत्व में कुलपति की गाड़ी के सामने बैठकर नारेबाजी करने लगे। कांफ्रेंस के बीच ं से कुलपति डॉ. अरविंद दीक्षित बाहर निकल आए, उन्होंने एमफिल छात्रों को वहां प्रदर्शन न करने की चेतावनी दी। यहां धूप तेज होने से एमफिल जूलॉजी की छात्रा दिव्या शर्मा बेहोश हो गई। कुलपति ने कांफ्रेंस से बाहर आकर एंबुलेंस मंगाई और छात्रा को हॉस्पिटल भेजा।
दलाल कहने पर भड़के छात्र
कुलपति एमफिल छात्रों को समझा रहे थे, इसी दौरान इतिहास विभाग के शिक्षक डॉ. बीडी शुक्ला ने छात्र नेताओं को दलाल कह दिया। उन्होंने छात्र संघ कार्यालय में पर्दा लगवाने के लिए दलाली करने के आरोप लगाए, इस पर छात्र भड़क गए। शिक्षकों ने उन्हें शांत किया।
राजभवन से अनुमति के बाद ही हो सकता है बदलाव
पीएचडी में प्रवेश के लिए 2012 में प्रदेश स्तर पर संयुक्त प्रवेश परीक्षा हुई थी। इसमें एमफिल छात्रों का पीएचडी में सीधे प्रवेश का प्रावधान नहीं था। इसे लेकर एमफिल छात्र विवि में प्रदर्शन कर रहे हैं, कुलपति ने उन्हें सात दिन में फैसला लेने के लिए आश्वासन दिया था। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने छात्रों को बताया कि डॉ. संजीव कुमार की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है। कमेटी की सिफारिश को एकेडमिक काउंसिल, कार्य परिषद के बाद राजभवन भेजा जाएगा। इसके बाद ही एमफिल छात्रों का पीएचडी में सीधे प्रवेश के लिए संशोधन हो सकेगा।
संशोधन राजभवन के स्तर से होना है, इसके लिए कमेटी गठित कर दी गई है। एमफिल छात्र कुछ सुनने को तैयार नहीं हैं, विवि की छवि को धूमिल कर रहे हैं।
डॉ. अरविंद दीक्षित, कुलपति