Move to Jagran APP

दवा के काले कारोबार पर औषधि विभाग की 'धूल'

जागरण संवाददाता, आगरा: दवा के काले कारोबार में मरीजों की जान अटकी है। इसकी परत दर परत खोलने के बजाय

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Mar 2017 08:33 PM (IST)Updated: Wed, 01 Mar 2017 08:33 PM (IST)
दवा के काले कारोबार पर औषधि विभाग की 'धूल'
दवा के काले कारोबार पर औषधि विभाग की 'धूल'

जागरण संवाददाता, आगरा: दवा के काले कारोबार में मरीजों की जान अटकी है। इसकी परत दर परत खोलने के बजाय बड़े खिलाड़ियों को बचाने के लिए औषधि विभाग 'धूल' डालने में लगा है। एक मल्टी नेशनल दवा कंपनी (एमएनसी) की हृदय रोग की नकली दवा की बिक्री के मामले में औषधि विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।

loksabha election banner

सनोफी इंडिया लिमिटेड की हृदय रोग के लिए कार्डेस 1.25 और 2.5 एमजी टेबलेट आती हैं। इनकी बिक्री बहुत अधिक है। दवा कंपनी ने एक निजी कंपनी (ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड) से कार्डेस टेबलेट की पड़ताल कराई। कुछ मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर जांच कराई गई, लैब में यह दवा नकली निकली। इस रिपोर्ट को लेकर निजी कंपनी की टीम 25 फरवरी को थाना हरीपर्वत पुलिस को साथ लेकर मंजू मेडिकल स्टोर, खंदारी क्रॉसिंग हनुमान मंदिर पहुंची। यहां से कंपनी ने कार्डेस टेबलेट जब्त की, उन्हें स्वतंत्र गवाह के सामने सील किया गया। मेडिकल स्टोर संचालक ने पूछताछ में उन थोक दवा कारोबारियों के नाम बताए, जहां से दवा खरीदी गई थी।

इसकी जानकारी होते ही औषधि विभाग की टीम दो दिन बाद मंजू मेडिकल स्टोर पर पहुंची। सूत्रों के मुताबिक, टीम ने कार्डेस टेबलेट के सैंपल लिए हैं, लेकिन यह अलग बैच नंबर की है। इन्हें जांच के लिए भेज दिया गया। यह दवा कहां से खरीदी गई, बिल क्यों नहीं लिए गए, इसकी पड़ताल नहीं की गई। मेडिकल स्टोर सड़क किनारे है, दवाओं पर धूल रहती है। इसे आधार बनाया, एक्सपायर दवाएं एक जगह न रखने, दवाओं का रखरखाव ठीक न होने पर ड्रग एक्ट के तहत दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।

बिना बिल की सस्ती दवा में बिक रही नकली

फव्वारा दवा बाजार में नकली दवा का बड़ा कारोबार है। यहां पहले भी कई बार कार्रवाई हो चुकी है। नकली दवा बिना बिल के सस्ती बिकती है, इसके चलते मेडिकल स्टोर संचालक बिना बिल की दवाएं खरीदते हैं। इससे उनका टर्नओवर पर भी अंकुश लग जाता है और टैक्स कम देना पड़ रहा है।

चार थोक दवा कारोबारियों के सामने आए नाम

निजी कंपनी ने नकली कार्डेस दवा का दावा करते हुए फव्वारा दवा मार्केट के चार थोक कारोबारियों के नाम तहरीर में दिए हैं। यह दवा बिना बिल से मंजू मेडिकल स्टोर पर इन्हीं थोक दवा कारोबारियों से खरीदी गई थी।

कोट्

मंजू मेडिकल स्टोर पर दवाओं पर धूल और रखरखाव ठीक नहीं था, इसलिए बिक्री पर रोक लगाई गई है। रखरखाव ठीक होने पर रोक हटा दी जाएगी, यहां से कार्डेस दवा के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

पीके मोदी, सहायक आयुक्त, औषधि विभाग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.