Move to Jagran APP

छात्रों की जान जोखिम में डाल रहे अनाधिकृत वाहन

जागरण संवाददाता, आगरा: मानकों को ताक पर रख स्कूली वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। छात्र-छात्राओं को स्कूल

By Edited By: Published: Fri, 20 Jan 2017 10:16 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jan 2017 10:16 PM (IST)
छात्रों की जान जोखिम में डाल रहे अनाधिकृत वाहन
छात्रों की जान जोखिम में डाल रहे अनाधिकृत वाहन

जागरण संवाददाता, आगरा: मानकों को ताक पर रख स्कूली वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। छात्र-छात्राओं को स्कूल में लाने ले जाने के लिए स्वीकृत 541 वाहनों में से 55 से अधिक की फिटनेस समाप्त हो चुकी है। वहीं अनाधिकृत रूप से सैकड़ों वाहनों का भी कब्जा है। इन पर लगाम लगाने के लिए शुक्रवार को परिवहन विभाग ने अभियान चला 23 वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई की।

loksabha election banner

स्कूली छात्रों को ढ़ोने के लिए स्वीकृत वाहनों की संख्या न के बराबर है। 500 से अधिक वैन, 1200 से अधिक ऑटो और 100 से अधिक ई-रिक्शा छात्रों की जान जोखिम में डाल सड़कों पर दौड़ रहे हैं। स्पीड नियंत्रक नहीं होने के कारण ये सड़कों पर बेकाबू दौड़ते हैं और अक्सर दुर्घटना का कारण बनते हैं। पिछले दिनों हरीपर्वत के निकट एक ऑटो में आग लग गई थी। इसमें 15 छात्र भरे हुए थे। बीच सड़क पर दहशत में मासूम एक घंटे तक खड़े रहे। ऑटो पलटने की घटनाएं तो रोज होती रहती है। परिवहन विभाग इन पर नकेल कसने की जहमत नहीं उठाता है। आरटीओ प्रवर्तन अनिल कुमार ने बताया कि मंडल में दो दिवसीय अभियान चलाया जा रहा है। शुक्रवार को मंडल में 50 वाहनों का चालान और 25 वाहनों को सीज किया गया है। इसमें आगरा में ही 13 स्कूली वाहनों को अग्नि शमन यंत्र न होने, अनफिट होने आदि के चलते चालन किया गया है। अन्य जगह 10 को सीज किया गया है।

अभिभावक भी रखें ध्यान

परिवहन अधिकारियों ने अभिभावकों से भी अपील की है, कि वे अनाधिकृत वाहनों में छात्रों को न भेजें। ऐसे ही वाहनों में छात्रों को स्कूल भेजा जाए, जो अधिकृत हो। छात्रा संख्या का भी ध्यान रखें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.